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आपने अपने आसपास फूलों और सजावटी पौधों की तो ढेरों नर्सरी देखी होंगी, फलों की नर्सरी के बारे में भी जानते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि फूलों और फलों की तरह ही सब्ज़ियों की नर्सरी तैयार करना भी एक अच्छा बिज़नेस हो सकता है, यही नहीं ये किसानों के लिए भी फ़ायदेमंद है।
नर्सरी तैयार करना यानि की बीज को सीधे खेत में बोने की बजाय एक अलग जगह में उनकी पौध तैयार करना और भी उसे खेत में लगाना। अमूमन फूल और फलों की नर्सरी तैयार की जाती है, मगर उत्तराखंड के पंतनगर के रहने वाले किसान नसीर अहमद पिछले करीब 5-6 सालों से सब्ज़ियों की नर्सरी का बिज़नेस कर रहे हैं और वो इसे किसानों के लिए फ़ायदेमंद भी मानते हैं। तो कैसे बनाई जाती है सब्ज़ियों की नर्सरी और इससे किसानों को क्या फ़ायदा होता है, इन सभी अहम मुद्दों पर किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता सर्वेश बुंदेली ने बात की नसीर अहमद से।
कैसे तैयार करें सब्ज़ियों की नर्सरी? (How To Prepare A Vegetable Nursery?)
नसीर अहमद बताते हैं कि सब्ज़ियों की नर्सरी तैयार करने के लिए सबसे पहले बीज को 24 घंटे पानी में भिगोकर रखा जाता है। फिर एक कपड़े में बांधकर गर्म जगह पर रखा जाता है। ज़्यादा गर्म स्थान पर रखने से 5-6 दिन में ये अंकुरित हो जाते हैं यानि इसमें कल्ले आ जाते हैं। फिर मिट्टी और देसी खाद मिलाकर तैयार की गई मिट्टी को पॉलीबैग में डाला जाता है, फिर इसमें अंकुरित बीज को डाला जाता है।
किन सब्ज़ियों की नर्सरी? (Best Vegetables To Start In A Nursery)
नसीर बताते हैं कि उनकी नर्सरी में धारी वाली लौकी, गोल वाली लौकी, गोल वाला कद्दू, करेला, धारी वाली तुरई, देसी खीरे जैसी कई और सब्जियों की पौध तैयार की जाती है। उनका कहना है कि अगर कोई चाहे तो इन पौधों को फरवरी से लेकर मई, जून और जुलाई तक लगा सकता है। ये जायद या खरीफ़ वाली सब्ज़ियां है। अगर कोई किसान रबी सीज़न के लिए सब्ज़ियों की नर्सरी तैयार करना चाहता है तो प्लेन वाली लौकी, फूलगोभी, बंदगोभी, बैंगन, टमाटर, गांठ गोभी जैसी फसल वो लगा सकता है। यही नहीं अगर कोई नर्सरी के बिज़नेस में कमाई करना चाहता है तो मौसम के हिसाब से सब्ज़ियों की नर्सरी तैयार करके पूरे साल आमदनी ले सकता है।
सब्ज़ी नर्सरी लगाते समय सावधानियां (Best Practices For Planting Nursery Vegetables)
नसरी बताते हैं कि लौकी, बैंगन, टमाटर, करेला जैसी सब्ज़ियों को पाले से बचाना ज़रूरी होता है और इनकी पौध को सुबह की हल्की धूप भी दिखाना ज़रूरी है। लौकी, करेला के पौधे ज़्यादा ठंड सहन नहीं कर पाते हैं। पौध के सही विकास के लिए मिट्टी और खाद का सही मिश्रण भी ज़रूरी है।
क्यों फ़ायदेमंद है पौध नर्सरी बनाना? (Benefits Of Plant Nursery)
किसी भी पौधे को शुरुआत में ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत पड़ती है ताकि उनका विकास सही तरीके से हो सके, रोग-कीटों से उनका बचाव हो सके। नर्सरी में पौध तैयार करते समय पौधों की अच्छी देखभाल हो जाती है, जिससे अच्छी गुणवत्ता वाली पौध तैयार होती है और इससे उत्पादन अच्छा होता है।
इसका दूसरा फ़ायदा ये होता है कि जब खेत में एक फ़सल तैयार हो जाती है तो उसे काटकर किसान बीज की बजाय अगर सीधे सब्ज़ियों की पौध लगा देता है, तो जल्दी उत्पादन मिलने लगता है, इससे उसके समय की बचत होती है और अच्छी गुणवत्ता वाली पौध से अच्छा उत्पादन मिलता है। इससे बाज़ार में फसल की अच्छी कीमत मिल जाती है।
बीज की बजाय पौध की रोपाई से फसल अच्छी होती है। किसानों को तैयार पौध मिल जाती है जो उन्हें सस्ती भी पड़ती है। यही नहीं, नर्सरी में विकसित पौध ज़्यादा मज़बूत होती है और बागवानी फसलों की नर्सरी तैयार करने में ज़्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है। किसान चाहे तो खेत किसी कोने या घर के पास अगर जगह हो तो वहां भी खाद, सही मिट्टी और उन्नत बीजों से क्यारियां बना सकता है या फिर पॉलीबैग में पौध उगा सकता है। ऐसा करने पर एक महीने के अंदर ही पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
नर्सरी बेड तैयार करना (Setting Up A Nursery Bed)
अगर आप पॉलीबैग की बजाय क्यारियां बनाकर पौध लगाना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। मान लीजिए आप एक एकड़ ज़मीन पर फसल लगा रहे हैं, तो 33 फुट लंबी, 2 फुट चौड़ी और 2 फुट ऊंचाई वाली 10-15 क्यारियां बनाएं। इन क्यारियों को मजबूती देने के लिए चारों ओर से खंभे लगाएं जिससे प्लास्टिक शीट या ग्रीन नेट डालकर पौधों को ढका जा सके। इससे तेज़ बारिश और पाले से पौधे बचे रहते हैं।
मिट्टी की तैयारी (Soil preparation For Nursery Bed)
अच्छी गुणवत्ता वाली पौध तैयार करने के लिए मिट्टी में पौष्टिक तत्वों का होना ज़रूरी है। इसके लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसमें कंपोस्ट खाद, नदी की बालू-बजरी, बकरी की खाद, गोबर की खाद, लाल मिट्टी या खेत का मिट्टी, धान का भूसा, राख मिलाकर मिश्रण तैयार किया जाता है। इस तरह से मिट्टी तैयार करने पर बीजों का अंकुरण और पौधों का विकास बहुत अच्छा होता है।
उपचार के बाद बुवाई (Sowing Methods For Nursery Plants)
नर्सरी में क्यारियां तैयार करने के बाद, बीजों को उपचारित करने के बाद कतार में बुवाई करें। इससे पौधें आसानी से बढ़ेंगे और नर्सरी की देखभाल भी सही तरीके से होगी। इस बात का ध्यान रहे कि बीजों को ऊपर से छिड़के नहीं और बुवाई के बाद हल्की सिंचाई ज़रूर करें। इसके बाद काली प्लास्टिक शीट या घास-फूस के पुआल से क्यारियों को ढक दें।
कब तक तैयार हो जाती है सब्ज़ियों की नर्सरी? (Ready Time For Vegetable Nursery)
अगर सब्ज़ियों की नर्सरी सही तरीके से तैयार की जाए और अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का इस्तेमाल किया जाए तो सिर्फ़ 3 हफ़्ते में ही पौधे तैयार हो जाते हैं। ये पौध एकदम स्वस्थ और रोगमुक्त होते हैं। इसलिए इनसे अच्छी पैदावार होती है। 30 दिन के बाद किसान इन पौधों को खेत में लगा सकते हैं। अच्छी फसल के लिए पौध की रोपाई से पहले खेत को भी अच्छी तरह से तैयार करना और खरपतवार और फसल के अवशेषों का सही तरीके से प्रबंधन ज़रूरी है।
सब्ज़ियों की नर्सरी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल: सब्ज़ियों की नर्सरी क्या होती है?
सब्ज़ियों की नर्सरी एक नियंत्रित वातावरण होता है जहां पर सब्ज़ियों के बीजों को अंकुरित किया जाता है और पौध तैयार की जाती है। ये प्रक्रिया किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले पौध मिलते हैं जो आगे चलकर स्वस्थ और उत्पादक फसल देने में सहायक होते हैं।
सवाल: नर्सरी में किस तरह की सब्ज़ियां उगाई जा सकती हैं?
जवाब: नर्सरी में विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियां उगाई जा सकती हैं जैसे टमाटर, मिर्च, बैंगन, गोभी, और पालक। ये इस पर निर्भर करता है कि स्थानीय जलवायु और मिट्टी की स्थिति कौन सी फसल के लिए सबसे उपयुक्त है।
सवाल:बीजों को कब और कैसे बोना चाहिए?
जवाब: बीज बोने का समय और तरीका फसल पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर गर्मियों की फसलें मार्च-अप्रैल में और सर्दियों की फसलें अगस्त-सितंबर में बोई जाती हैं। बीजों को उचित दूरी पर और सही गहराई में बोना चाहिए ताकि उन्हें पर्याप्त पोषण और विकास के लिए जगह मिल सके।
सवाल: नर्सरी का सही स्थान चयन कैसे किया जाए?
जवाब: नर्सरी के लिए स्थान का चयन करते समय ध्यान दें कि वो जगह सूरज की रोशनी, पानी की उपलब्धता और अच्छी जल निकासी के लिए उपयुक्त हो। जगह ऐसी होनी चाहिए जो बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के खतरे से मुक्त हो।
सवाल: पौधों को नर्सरी से खेत में स्थानांतरित करने का सही समय और तरीका क्या है?
जवाब: जब पौधे नर्सरी में पूरी तरह से विकसित हो जाएं और उनकी जड़ें मजबूत हो जाएं, तब उन्हें खेत में स्थानांतरित किया जा सकता है। आमतौर पर, ये समय 4-6 हफ़्ते बाद होता है। स्थानांतरित करते समय पौधों को धीरे-धीरे निकालें और तुरंत मिट्टी में रोप दें ताकि उन्हें कोई नुकसान न हो।
सवाल: नर्सरी का प्रबंधन और आर्थिक लाभ कैसे हो?
नर्सरी के प्रबंधन में बीजों का चयन महत्वपूर्ण है। अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का इस्तेमाल करें जो रोग-प्रतिरोधी हों और उच्च उत्पादकता दे सकें। बीजों की बुवाई से पहले उन्हें उपचारित करना भी ज़रूरी है ताकि किसी भी तरह की बीमारियों से बचा जा सके। नर्सरी के संचालन की लागत में भूमि, बीज, खाद, पानी, और श्रम शामिल होते हैं। प्रारंभिक लागत अधिक हो सकती है, लेकिन सही प्रबंधन और देखभाल से यह लाभदायक साबित हो सकती है। नर्सरी के लिए आवश्यक उपकरणों में पौधशाला ट्रे, स्प्रेयर, पॉलिथीन बैग, और सिंचाई प्रणाली शामिल हैं।
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