जानिए जनवरी की ठंड में कौनसी फसल उगाएं जो देगी मोटा मुनाफा

फसलों के बढ़िया उत्पादन में मौसम का साथ जरूरी होता है। मौसम के अनुसार अगर फसल लगाई जाए तो उसकी […]

home kitchen garden

फसलों के बढ़िया उत्पादन में मौसम का साथ जरूरी होता है। मौसम के अनुसार अगर फसल लगाई जाए तो उसकी उपज अच्छी होती है। क्या आपको पता है कि जनवरी की इस ठंड में कौन सी खेती करनी चाहिए जो मौसम के अनुकूल हो और अच्छा मुनाफा भी दे। आइये जानते हैं…

मिर्च

नवंबर में रोपे गए बीज के पौधों को जनवरी में रोपा जा सकता है। बुवाई से पहले खेत में गोबर का खाद, 1 बोरा यूरिया, 1.5 बोरा फास्फेट और 1 बोरा म्यूरेट पोटाश डाल दें। बुवाई के वक़्त पौधों को सही दूरी पर लगाना होता है। इससे पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है। मिर्च के पौधों को 18 इंच की दूरी ओर लगाना चाहिए। फैलने वाले मिर्च के पौधों के बीच 24 इंच की दूर रखें। ठंड के मौसम में 10-15 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई करते रहें। इससे फूल व फल नहीं गिरते हैं और फसल पाले से भी बची रहती है ।

टमाटर

नवंबर में लगाई गयी बीज के पौधे जनवरी में रोपे जा सकते हैं। मगर ज्यादा ठंड से बचाव करते रहना होता है। 10 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई देते रहे। खेत की सफाई करते रहे। खरपतवार को न उपजने दें। किसी फल कीड़ा लग जाये तो उसे तुरंत तोड़ कर हटा दें। कीड़ों का संक्रमण अधिक होने पर 0.1 प्रतिशत मैलाथियान या 0.1 प्रतिशत थायोडान 15 दिन के अन्तराल पर छिडक़े। 7 छिडक़ाव से पहले तैयार फल तोड़ लें।

मूली व गाजर

पूसा हिमानी किस्म की मूली जनवरी फरवरी में लागई जाती है। 40 से 70 दिन में तैयार होने वाली इस किस्म का स्वाद हल्का तीखा होता है। जापानी व्हाइट मूली की सिंचाई और गुडाई समय-समय पर करते रहे। खरपतवार निकाल दें। तैयार हो चुके मूली – गाजर को उखाड़ने से 2-3 दिन पहले हल्की सिंचाई कर दें।

फ्रेंचबीन

फ्रेंचबीन को मैदानी क्षेत्रों में 20 से 30 जनवरी तक बोया जाता है। कोनटनडर व पूसा सरवती किस्म के फ्रेंचबीन के पौधे झाड़ीनुमा होतें हैं। इन बीजों को 8 इंच की दूरी पर लगाएं और लाइनों के बीच 2 फुट की दूरी रखें। लंबी ऊची किस्में जैसे कैन्टुकी व हेमलता को एक-एक फुट की दूरी पर लगाएं। दो लाइनों के बीच 3 फुट की दूरी रखें। बेले चढने के लिए खंभे की व्यवस्था करें। बुवाई से पहले खेत में गोबर खाद, सिंगल सुपर फास्फेट, म्युरेट पोटाश तथा यूरिया डालें। पहली सिंचाई17 दिन के बाद करें ।

प्याज

17 जनवरी तक प्याज रोपी जा सकती है। तैयार किए गए खेतों में उर्वरक डाले। क्यारियां तैयार करें। 10-20 सेमी की दूरी पर क्यारियों में प्याज लगाएं। बुवाई शाम के समय करने की कोशिश करें। बुवाई के तुरंत बाद सिंचाई करें।

लोबिया

जनवरी की ठंड लोबिया की बुवाई के लिए उपयुक्त है। लोबिया की उन्नत किस्मों में पूसा कोमल, अर्का गरिमा व पूसा दोफसली शामिल है। पूसा कोमल लोबिया की बुवाई बसंत, ग्रीष्म और बारिश, तीनों मौसम में की जा सकती है। इसमें प्रति हेक्टेयर 100 से 120 क्विंटल पैदावार मिलता है। वहीं अर्का गरीमा खम्भा प्रकार की किस्म है, इसे बारिश और बसंत ऋतु में लगा सकते हैं। पूसा दोफसली किस्म को बसंत, ग्रीष्म और बारिश, तीनों मौसम में लगा सकते हैं। यह 45 से 50 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं। बीज की बुवाई पंक्तियों में करें। पंक्तियों में 45 से 60 सेमी की दूरी रखें। बीजों लगभग 10 सेमी की दूरी रखें। बुवाई से ओहले बीज को राइजोबियम से उपचारित कर लें।

राजमा

राजमा की बुवाई जनवरी में कर सकते हैं। पी.डी.आर.-14 (उदय), मालवीय-15, मालवीय-137, वीएल-63, अम्बर, उत्कर्ष राजमा की उन्नत किस्म है। ये कम समय में तैयार हो जाते हैं। प्रति हेक्टेयर 120 से 140 किलोग्राम बीज पर्याप्त है। पंक्तिवध बुवाई करें। पंक्तियों की दूरी 30-40 सेंटीमीटर रखें। बीज 8-10 सेंटीमीटर गहराई में बोयें। थीरम से बीज उपचार कर लें ताकि पर्याप्त नमी मिल सके।

भिंडी

जनवरी भिंडी की बुवाई के लिए उपयुक्त समय है। परभन क्रांति, पूसा सावनी, पंजाब पद्मनी, पूजा ए-4, अर्का भय, अर्का अनामिका, पंजाब-7, पंजाब-13 भिंडी की उन्नत किस्में मानी जाती है। बुवाई करते समय लाइन की दूरी 4.5 सेमी रखें। बीज की दूरी 60 सेमी रख सकते हैं।

अंगूर, आडू, अनार व नाशपाती के पौधे

जनवरी में अंगूर, आडू, अनुचा, अनार व नाशपाती के लिए सर्वोत्तम समय है। पौधे लगाने के वक़्त दीमक नियंत्रण करना ना भूलें। अंगूर की बेलें जनवरी – फरवरी में लगा सकते हैं। दो पौधों के बीच 10 फुट का फासला रखें। प्रत्येक बेल में 20 कि.ग्रा. गोबर की खाद देते रहें। समय पर सिचाई करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top