थाईलैंड में सेब और बेर के मिश्रित स्वाद वाले एप्पल बेर की मांग अब इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा, मुंबई, सीकर, बाड़मेर समेत देश के कई शहरों और राज्यों में बढऩे लगी है। एप्पल बेर लांग टाइम इंवेस्टमेंट है।
बाग लगाने के बाद पहले साल प्रति पेड़ में दो से पांच किलो, दूसरी बार में प्रति पेड़ 20 से 40 और पांच वर्ष बाद प्रति पेड़ में एक से सवा क्विंटल तक फल आने लगते हैं। कम रखरखाव और लागत में किसान अगले 50 साल तक इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं।
ये भी देखें : धोनी करेंगे कड़कनाथ मुर्गों का बिजनेस, 2000 चूजों का दिया आर्डर
ये भी देखें : नौकरी जाने के बाद शुरू किया हर्बल टी का बिजनेस, आज कमाते हैं लाखों रूपए
सेब जैसे आकार और खाने में बेर के स्वाद वाले इस फल को थाईलैंड में जुजुबी भी कहते हैं। एक फल का वजन 60 से 120 ग्राम होता है। बाजार में यह 45 से 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलता है।
कैसे लगाएं इसका बाग
एप्पल बेर की खेती -5 डिग्री से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में हो सकती है। जून से लेकर दिसंबर तक एप्पल बेर के पौधे उगाए जा सकते हैं। एक बीघा जमीन में 100 पौधे लगाए जा सकते हैं। एक पौधा करीब 140 रुपए में मिलता है। किसानों को खेत में 2/2 का गड्ढा खोदना पड़ता है और गड्ढे से गड्ढे की दूरी 15/13 रखनी पड़ती है। 8 से 10 दिन तक गड्ढों को खेला छोडऩे के बाद इसमें एप्पल बेर के पौधे लगाए जाते हैं। 11 से 14 महीने में पेड़ से एप्पल बेर का उत्पादन मिलने लगता है।
ये भी देखें : तुलसी से कमाएं पैसा और स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा
ये भी देखें : घर की बगिया में ऐसे उगाएं गुलाब, हमेशा महकती रहेगी ताजा खुशबू
नर्सरी लगाकर भी कर सकते हैं कमाई
राजस्थान में बाड़मेर जिले के रहने वाले तरंजन चौधरी एप्पल बेर के अलावा ग्राफ्टेड आम, अंजीर, पिस्ता, थाई अमरूद, बिना बीज वाला नींबू, ड्रैगन, अनार, कलमी गुन्दा, हाइब्रिड शीशम, दिव्य चंदन (Grafted Mango, Fig, Pistachios, Thai Guava, Seedless Lemon, Dragon, Pomegranate, Kalmi Gunda, Hybrid Rosewood, Divya Chandan) जैसी किस्मों के बारे में जानकारी जुटाई।
बागवानी का प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने नर्सरी लगा ली और आज देश के अन्य राज्यों में पौधों की सप्लाई कर हर साल करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। तरंजन चौधरी की टीम एप्पल बेर के पौधे देने के अलावा उसमें समय-समय पर खाद और पानी आदि का प्रशिक्षण भी देती है।
कितनी आती है लागत
अगर राजस्थान में एक बीघा जमीन में 20 हजार का खर्च आता है तो उत्तरप्रदेश में 50 हजार तक खर्च होता है। इस बाग से पहले साल 30 हजार रुपए, दूसरे और तीसरे साल में दो से ढाई लाख का मुनाफा हो सकता है। वहीं पांचवें साल किसानों को 4.5 से 5.5 लाख रुपए की कमाई होने लगती है।