अदरक-लहसुन का पेस्ट (Ginger Garlic Paste Business) ग्रेवी वाली सब्जी हो या फिर चटपटे स्नेक्स की बात हो, अदरक, लहसुन के बिना इनका टेस्ट एक दम फीका है। यही कारण है कि वर्तमान में अदरक और लहसुन का रेडिमेड पेस्ट बेचना भी एक फायदे का सौदा बन गया है। अब वो समय गया जब लोग अदरक और लहसुन को घर में ही पीस कर उसका पेस्ट बना कर उपयोग करते थे।
दरअसल काम की वजह से लोगों के पास इतना समय ही नहीं है कि वह घर में पेस्ट तैयार करें। अदरक और लहसुन का पेस्ट बनाने में काफी मेहनत और समय लगता है इसीलिए भी लोग रेडीमेड पेस्ट का उपयोग करते हैं।
मार्केट के इसी ट्रैंड का भांप कर हरियाणा के अशोक सिंह ने अदरक-लहसुन का पेस्ट बना कर बेचने का व्यापार करने की सोची। उन्होंने बताया कि इस काम को छोटे स्तर पर भी किया जा सकता है। अगर आप भी बिजनेस करना चाहते हैं वो भी कम लागत में तो यह आपके लिए सुनहरा मौका हैं। आज हम जानते हैं कि किस प्रकार इस काम को शुरु कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
अशोक सिंह कहते हैं कि अदरक और लहसुन पेस्ट का बिजनेस करने के लिए जो कच्चा माल उन्हें चाहिए होता है, वो बहुत आसानी से मिल जाता है। कहीं से भी आसानी से अदरक और लहसुन को खरीदा जा सकता है। पेस्ट को ज्यादा समय तक रखने के लिए प्रीजर्वेटिव का उपयोग किया जाता है।
15 हज़ार से शुरू किया बिजनेस
अशोक सिंह ने तकरीबन आज से 8 साल पहले इस काम की शुरुआत की थी। वो कहते हैं कि उस समय 15000 रुपये की लागत से इस काम को शुरू किया गया था। महंगी मशीनों की जगह अधिकतर काम हाथ से किए जाते थे। हालांकि आज मुनाफा होने पर उन्होंने मशीनें खरीद लीं और मजदूर रख लिए, जिनकी बदौलत उनका काम और भी ज्यादा बढ़ गया है।
मार्केट में है डिमांड
मार्केट में इन दिनों लहसुन और अदरक पेस्ट की काफी डिमांड है। अशोक कहते हैं कि मिलावट के इस दौर में लोगों को प्राकृतिक उत्पाद पसंद आ रहे हैं। लहसुन और अदरक में औषधियों गुणों का खजाना होता है, इसलिए खाने में इसका उपयोग आराम से किया जा सकता है।
कमा रहे हैं मुनाफा
इस काम से अशोक को हर महीने लगभग 2 से 3 लाख रुपये का मुनाफा हो जाता है हालांकि, शुरू में उन्हें कुछ साल घाटा भी सहना पड़ा था। शुरुआत में जब पेस्ट बनाने का काम शुरू किया था तब मार्केट की समझ नहीं थी। सबसे बड़ी बात उनका सीधा मुकाबला बहुराष्ट्रीय कंपनियों से था। आज भी उनसे मुकाबला करना मुश्किल होता है लेकिन अब मार्केटिंग की कुछ समझ हो गई है इसलिए घाटा नहीं होता है।