आज जो लोग यह कहते हैं कि खेती-किसानी में क्या रखा है तो उन्हें गुजरात के प्रगतिशील किसान पार्थी भाई चौधरी से सीखने की जरूरत है। बनासकांठा जिले के गांव डांगिया निवासी पार्थी आज सिर्फ आलू की खेती कर सालाना तीन करोड़ रुपए से अधिक की कमाई करते हैं।
आज 63 वर्षीय पार्थी भाई किसानों को उन्नत खेती के गुर सिखाकर उन्हें मजबूत कर रहे हैं। उनके पिता जेठा भाई चौधरी वर्षों तक अपनी जमीन पर गेहूं, बाजरा आदि की परंपरागत खेती करते थे।
पार्थी भाई ने पुलिस में एसआई से डीएसपी तक का सफर तय किया। नौकरी में रहते हुए उन्होंने वर्ष 2004 में अपने हिस्से की 45 बीघे की जमीन पर लीक से हटकर खेती करने का मन बनाया। उन्होंने जिले के अन्य प्रगतिशील किसानों से मिलकर उनसे आधुनिक खेती के गुर सीखे और फिर आलू की खेती शुरू कर दी।
शुरुआत में उनकी सालाना आय करीब 30 लाख रुपए थी। उस समय आलू के भाव पांच रुपए प्रति किलो थे। धीरे-धीरे इन्होंने आसपास की जमीन खरीद ली।
वर्तमान में उनके पास 87 एकड़ जमीन है, जिस पर वे आलू की खेती करते हैं। फसल में सिंचाई के लिए उन्होंने अपने खेत में आठ ट्यूबवेल खुदवा दिए, जो स्प्रिंकलर सिस्टम से जुड़े हैं। पार्थी भाई ने खेत की देखभाल और अन्य कार्यों के लिए 16 परिवारों को रखा है।
पार्थी भाई के मुताबिक नवंबर शुरू होते ही वे खेतों में आलू की बुवाई करते हैं और चार माह में फसल तैयार हो जाने पर 15 मार्च से खुदाई शुरू कर देते हैं। इसके अलावा अप्रैल से नवंबर माह तक खेत में बाजरा, तरबूज और मूंगफली आदि की खेती भी करते हैं।