पूजा शर्मा की कहानी यहाँ सुनें-
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) की ओर से दिल्ली में 9 से 11 मार्च के बीच पूसा कृषि विज्ञान मेले (Pusa Krishi Vigyan Mela) का आयोजन हुआ। ‘तकनीकी ज्ञान से आत्मनिर्भर किसान’, इस बार की थीम रही। मेले में देश के कोने-कोने से कई प्रगतिशील किसानों, महिला किसानों और एग्री स्टार्टअप्स का जमावड़ा लगा। मेले में कई प्रगतिशील किसानों को ‘इनोवेटीव फार्मर’ के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। मेले में खेती से जुड़ी तकनीकों से लेकर कई एग्री स्टार्टअप्स और एग्री-बिज़नेस के स्टॉल्स भी लगे थे। इन्हीं में से एक स्टॉल था, हरियाणा की पूजा शर्मा का। पूजा शर्मा ने अपनी मेहनत और काम के बलबूते पर अलग पहचान बनाई है। उन्हें इसी साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द द्वारा ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। ये उनके अथक प्रयासों का नतीजा है कि आज उनका ब्रांड ‘क्षितिज’ की उनकी पहचान है। आज लोग उनके प्रॉडक्ट्स लेने के लिए खुद उनके पास आते हैं। कैसे उन्होंने ये मुकाम हासिल किया, कैसे उन्होंने एग्री-बिज़नेस की शुरुआत की, किसान ऑफ़ इंडिया से ख़ास बातचीत में उन्होंने अपने इस सफर के बारे में विस्तार से बताया।
स्वयं सहायता समूह का किया गठन
हरियाणा के चंदू गांव की महिला किसान पूजा शर्मा ने 2013 में अपने उद्यमी बनने के सफर की शुरुआत की। शुरू से ही वो खेती-किसानी से जुड़ी रहीं। उन्होंने फैसला किया कि वो इसी क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी। अपने इस लक्ष्य के साथ उन्होंने ‘क्षितिज’ नाम से स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) का गठन किया।
गाँव की महिलाओं को अपने साथ जोड़ा
अपने इस समूह के साथ उन्होंने महिलाओं को जोड़ना शुरू किया। ये पूजा शर्मा के लिए आसान नहीं था। पूजा ने बताया कि पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं का काम करना कुछ लोगों को पसंद नहीं आता। ऐसे में महिलाओं के परिवारवालों को समझाने का ज़िम्मा खुद पूजा ने अपने कंधों पर लिया। इस तरह शुरुआत में कुछ महिलाएं जुड़ीं। फिर समूह के कार्यों को देखते हुए गाँव की दूसरी महिलाएं भी उनसे जुड़ती चली गईं। आज वहां 9 स्वयं सहायता समूह हैं और गाँव की करीबन 120 महिलाएं उनके साथ काम कर रही हैं।
तैयार कर रही हैं करीबन 80 प्रॉडक्ट्स
पूजा शर्मा ने 2013 में शिकोहपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से सोया नट्स बनाने की ट्रेनिंग ली और सोया नट्स बनाने शुरू कर दिए। इसके बाद पूजा शर्मा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज की तारीख में पूजा शर्मा गांव की महिलाओं के साथ मिलकर कई खाद्य प्रॉडक्ट्स तैयार कर रही हैं। प्रॉडक्ट्स बनाने के लिए ज़रूरी साबुत अनाज किसानों से ही खरीदती हैं। बाजरे की खिचड़ी सहित 15 तरह के लड्डू, नमकीन, भुने हुए गेहूं के दाने, गेहूं का दलिया, भुनी हुई ज्वार, बाजरा पीनट, पांच प्रकार के कुकीज सहित पूजा शर्मा 70 से 80 खाद्य प्रॉडक्ट्स तैयार कर रही हैं।
फाइव स्टार होटलों में जाते हैं प्रॉडक्ट्स
पूजा शर्मा के तैयार किए गए प्रॉडक्ट्स फाइव स्टार होटलों के साथ ही बड़े-बड़े स्टोर्स में बिक रहे हैं। हैफेड ( HAFED) में भी उनके प्रॉडक्ट्स जाते हैं। देशभर में होने वाले मेलों और सेमिनार में भी पूजा शर्मा के स्टॉल्स लगते हैं।
स्वयं सहायता समूह की भूमिका
पूजा शर्मा ने बताया कि किसान अपनी उपज का जो दाम मांगते हैं, वही उनको दिया जाता है। कई महिलाओं को समूह से जोड़ने का काम किया है। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से भी समूह को जोड़ा है, जिसके तहत राज्य सरकार आर्थिक तौर पर मदद करती है। स्वयं सहायता समूह महिलाओं को कम दरों में लोन भी उपलब्ध कराता है।
वैश्विक मंच में उतरने का लक्ष्य
आज के समय में पूजा शर्मा महिला किसानों और एग्री स्टार्टअप्स के लिए एक आदर्श बन चुकी हैं। आने वाले वक़्त में उनका लक्ष्य अपने प्रॉडक्ट्स को वैश्विक मंच में उतारने का है। इस पर वो पुरज़ोर से काम कर रही हैं। नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित होने को लेकर पूजा शर्मा ने कहा कि ये उनके और उनकी समूह की महिलाओं के लिए गर्व की बात है। इससे उन्हें अपने लक्ष्य को और मजबूती से हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।