Safed Musli ki Kheti: 8 से 9 महीने में तैयार हो जाती है सफ़ेद मूसली की फसल

Safed Musli ki Kheti - सफ़ेद मूसली की खेती कर किसान भाई बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। अलग-अलग किस्म की सफेद मुसली बाजार में 200 से लेकर 1500 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से मिलती है। यदि 4 क्विंटल बीज प्रति एकड़ प्रयुक्त किया जाए तो लगभग 20 से 24 क्विंटल के करीब गीली मूसली प्राप्त होती है।

सफ़ेद मूसली safed musli ki kheti

सफ़ेद मूसली (Safed Musli) को भारतीय चिकित्सा पद्धति में सफेद सोना माना जाता है। इसका आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक और एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में भी उपयोग किया जाता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल, एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीट्यूम जैसे कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका उपयोग खांसी, अस्थमा, बवासीर, चर्मरोगों, पीलिया, पेशाब संबंधी रोगों, ल्यूकोरिया, मधुमेह और गठिया आदि के उपचार में किया जाता है। इसके अलावा शारीरिक कमजोरी को भी दूर करता है।

ये भी देखें : सिर्फ 10 पेड़ों से कोसमी लाख की खेती कर छह माह में कमाएं ढाई लाख रुपए

ये भी देखें : हर खाद के कट्टे के साथ IFFCO दे रहा है दुर्घटना बीमा, किसानों को होगा लाभ

Safed Musli ki Kheti: 8 से 9 महीने में तैयार हो जाती है सफ़ेद मूसली की फसल

सफेद मूसली Musli (क्लोरोफाइटम बोरीविलियेनम) की खेती कर किसान भाई बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। इसमें 25 से अधिक अल्कलॉइड, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, स्टेरॉयड, सैपोनिन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फिनोल, रेजिन, म्यूसिलेज और पॉलीसैकराइड्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। अलग-अलग किस्म की सफेद मुसली बाजार में 200 से लेकर 1500 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से मिलती है।

8-9 महीने में मिलती है फसल

सफ़ेद मूसली की खेती पूरे देश में की जाती है। यह मूलत: गर्म तथा आर्द्र प्रदेश का पौधा है। यह 8-9 महीने की फसल है, जिसे मानसून में लगाकर फरवरी-मार्च में खोद लिया जाता है। अच्छी फसल के लिए यह जरूरी है कि खेतों की गर्मी में गहरी जुताई की जाए। अगर संभव हो तो हरी खाद के लिए ढ़ैचा, सनई, ग्वारफली बो दें। जब पौधों में फूल आने लगे तो काटकर खेत में मिला दें।

ये भी देखें : नौकरी छोड़ किसानों को सिखाए खेती के गुर, खुद भी कमा रहे लाखों

ये भी देखें : जानवर खा जाते हैं आपकी फसलें तो करेले की खेती कर कमाएं लाखों

ये भी देखें : कम लागत में शुरू करें गोबर से टाइल्स बनाना, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है फायदे का सौदा

कितनी मिल जाती है फसल

यदि 4 क्विंटल बीज प्रति एकड़ प्रयुक्त किया जाए तो लगभग 20 से 24 क्विंटल के करीब गीली मूसली प्राप्त होती है। वैसे किसानों को प्रति एकड़ औसतन 15-16 क्विंटल गीली जड़ के उत्पादन की अपेक्षा करनी चाहिए। इसका बीज महंगा मिलता है। करीब एक एकड़ खेत में बीज पर करीब 1.5 लाख रुपए खर्च आता है।

इस तरह करें खेत तैयार

खेतों में एक मीटर चौड़ा और एक फुट ऊंचे 30 सेमी. की दूरी पर बेड्स बनाएं। इसमें 15 सेमी की दूरी पर पौधे लगा दें। बेड्स बनाने के पहले 300-350 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से नीम या करंज की खली मिला दें। बीज को बोने से पहले उसे रासायनिक या जैविक विधि से उपचारित जरूर कर लें।

ये भी देखें : प्लास्टिक नहीं अब पेपर बैग का है जमाना, ऐसे स्टार्ट कर सकते हैं बिजनेस

ये भी देखें : मांग कम होने से कॉफी का मूल्य गिरा, बागान आए मुसीबत में

ड्रिप से करें सिंचाई

बीज रोपाई के बाद ड्रिप से सिंचाई करें। बुआई के 7 से 10 दिन के अंदर यह उगना प्रारंभ हो जाता हैं। उगने के 75 से 80 दिन तक अच्छी प्रकार बढऩे के बाद सितंबर के अंत में पत्ते पीले होकर सूखने लगते हैं। 100 दिन के बाद पत्ते गिर जाते हैं। फिर जनवरी फरवरी में जड़ें उखाड़ ली जाती हैं। हालांकि उखाडऩे से पहले खेत में नमी होना जरूरी है। मूसली बरसात में लगाई जाती है। नियमित वर्षा से सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती।

अनियमित मानसून में 10-12 दिन में एक सिंचाई जरूरी है। अक्टूबर के बाद 20-21 दिनों पर हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए। ध्यान रखें कि खेत में जलभराव या आवश्यकता से अधिक सिंचाई न हो। यह जड़ों के गलने का कारण बन सकता है।

ये किस्में उत्तम

सफ़ेद मूसली की कई किस्में देश में पायी जाती हैं, लेकिन उत्पादन और गुणवत्ता की दृष्टि से एमडीबी 13 और एमडीबी 14 किस्म अच्छी है। इस किस्म का छिलका उतारना आसान होता है।

UN news

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
मंडी भाव की जानकारी
ये भी पढ़ें:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top