हाल में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार मछली पालन व्यवसाय में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है। देश में मछलियों की बढ़ती मांग और इसकी कंसम्पशन को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है की भारत में मत्स्य पालन व्यवसाय का भविष्य आशाजनक है। कहा जाता है कि देश में नीली क्रांति के बाद से मछली पालन काफी बढ़ चुका है।
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मत्स्य उत्पादन मत्स्य बीज उत्पादन से किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। केंद्र सरकार भी नए नियम कानून ला रही है। मत्स्य बीज पालन के लिए 50 प्रतिशत योगदान मध्य्रदेश सरकार का है। हाल ही में सरकार मछली आहार उत्पादन योजना लेकर आई है।
क्या है योजना और कैसे कर सकते है आवेदन
दरअसल यह एक केंद्र प्रवर्तित योजना है। सरकार इस योजना को बढ़ावा दे रही है जिससे, लोगों को रोजगार मिल सके। मछली उत्पादन में सबसे अहम भूमिका मछलियों के लिए उनका प्रोटीनयुक्त आहार उपलब्ध कराना है। जिससे लोगों की आय भी दोगनी ही जायेगी। मत्स्य आहार पैदा करने से रोजगार भी बढ़ेगा। मध्यप्रदेश में रहने वाला कोई भी व्यक्ति इसका लाभ ले सकता है। यह योजना मध्यप्रदेश के जिले में लागू है।
योग्यता
- इस योजना के लिए कोई भी जाती या धर्म नहीं है कोई भी कैटेगरी का व्यक्ति इस योजना का फायदा उठा सकता है।
- इसके लिए जमीनी दस्तावेज जैसे खसरा और नक्शा दस्तावेजों को जमा करना अनिवार्य है।
- मछली पालकों को उचित कीमत पर मछली आहार उपलब्ध कराना होगा।
- मैनेजमेंट और मार्केटिंग की जिम्मेदारी फीड मिल निर्माण करने वाले हितग्राही की होगी।
- आवर्ती व्यय स्वयं हितग्राही को ही वहन करना होगा।
- इसमें लगभग 10 लाख रुपए का खर्चा आता है जिसमे, 50 फीसदी खर्चा राज्य सरकार देती है।