कोरोना संक्रमण काल के दौरान एग्रीकल्चर सेक्टर ने सरकार को काफी राहत दी है। यही वजह है कि अब कृषि क्षेत्र से जुड़े कारोबारों की तरफ उद्योगपतियों का रूझान बढ़ा है। सर्विस सेक्टर के मुकाबाले कारोबारियों की रूचि खेती-बाड़ी से जुड़े कारोबार में बढ़ने लगा है। इस साल बाजार में करीब 35 फीसदी कंपनियों ने कृषि क्षेत्र में आमद दी हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले दो सालों में देश में कृषि कारोबार 25 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा।
आंकड़ों से समझें, कैसे हो रहा बदलाव
- देश में 1 लाख 16 हजार 589 कंपनी और लिमिटेड लाइबेलिटी पार्टनरलिषप के तहत कंपनी पंजीकृत हैं।
- पिछले साल के मुकाबले देश में 8 फीसदी ज्यादा कंपनियां पंजीकृत हुईं।
- साल 2014 से 2019 तक औसतन 15 फीसदी कंपनियां पंजीकृत होती थीं।
- देश में महाराष्ट्रा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना में सबसे ज्यादा कंपनियां स्थापित हुईं।
- इस साल पिछले 11 महीने में 27073 उत्पादन कंपनियों ने पंजीयन कराया।
- 77 फीसदी की सबसे ज्यादा वृद्धि उत्पादों के क्षेत्र में हुई।
सर्विस सेक्टर में आई गिरावट
कृषि सेक्टर के मुकाबले सर्विस जैसे सेक्टर में चार फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा कंपनियां एग्री-बिजनेस की ओर रूख कर रही है। यही वजह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल इससे जुड़ी करीब 53 फीसदी ज्यादा कंपनियां आई हैं। वहीं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी बढोत्तरी हुइ है। इस सेक्टर में 36 फीसदी नई कंपनियां आई हैं।
किस सेक्टर में कारोबारियों की रूचि
- सर्विस सेक्टर – 9.55
- मैन्युफैक्चरिंग – 36.75
- ट्रेडिंग/ कारोबारी – 12.2
- निजी, सामुदायिक सोशल सर्विस – 8.9
- कृषि और संबंद्ध गतिविधियां – 53.60
- वित्तीय संस्थाओं – 7.55
- अन्य – 3.16