अभी मध्यप्रदेश में मछली का उत्पादन प्रतिवर्ष 64 लाख टन होता है। यह उत्पादन मानवीय आवश्यकता से कम है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार मत्स्य शिक्षा संस्थान के सहयोग से यहां के किसानों को मछली के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके बाद यह आर्थिक दृष्टि से काफी लाभदायक है। कभी मजदूरी करने के बाद भी दो वक्त की रोटी का जुगाड़़ मुश्किल था और आज मछलीपालन से लाखों रुपए कमा करे हैं।
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मछली बीज उत्पादन हैचरी लगाकर भी आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसके लिए केंद्र एवम् मध्य प्रदेश सरकार मिलकर 50 फीसदी अनुदान दे रही है। दरअसल यह केन्द्र प्रवर्तित योजना है जिसका उद्देश्य उच्च क्वालिटी का मत्स्य बीज उत्पादन करना है। कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाकर मत्स्य बीज उत्पादन करके स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकता है।
जरूरी सूचना
- इस योजना के लिए हितग्राही को अपने नाम 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन के कागजाद दिखने होगें।
- जमीन ने खसरा और नक्शा दस्तावेजों को होना जरूरी है।
- हितग्राही को सरकारी रेट से मछली बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
- हैचरी निर्माण के हितग्राही को ही मरम्मत, सुधार और प्रबंधन का खर्च उठाना होगा।
- हर साल 2 हेक्टेयर जलीय इलाके से 10 मिलियन फ्राई मत्स्यबीज का उत्पादन करना होगा।
- इसके अलावा हैचरी, नर्सरी पोण्ड, ब्रुडर पोण्ड, ओवर हेड टैंक, संवर्धन पोण्ड, पानी और लाइट की उपयुक्त व्यवस्था करनी होगी।
- बता दें मछली बीज उत्पादन में तकरीबन 25 लाख रुपए का खर्चा आता है। जिसका 50 प्रतिशत केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार मिलकर देती है।
यूनिट लगाने से पहले हितग्राही को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें, मछली बीज उत्पादन की प्रक्रिया, प्रबंधन और विपणन की बारीकियां सिखाई जाएगी। बता दें इस योजना का लाभ लेने में लिए आपको अपने क्षेत्र के मत्स्य कृषक जिला अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। इस आवेदन के बाद आप मत्स्य बीज उत्पादन का कर सकते हैं ।