किसान ऑफ इंडिया के संवाददाता अर्पित दुबे की ख़ास सीरीज़ (भाग-2):
हाल ही में, मैं दिल्ली से सटे गाँव जट खोर के ‘ऑर्गेनिक एकड़’ फ़ार्म पहुंचा। फ़ार्म के फाउंडर लक्ष्य डबास से मुलाकात हुई। इस सीरीज़ के पहले भाग में मैंने आपको लक्ष्य डबास के फ़ार्म में कमाल के देसी जुगाड़ से बने पॉलीहाउस के बारे में बताया था। Companion Planting के कई फ़ायदों का ज़िक्र किया था।
इस सीरीज़ के भाग-1 को आप यहाँ पढ़ सकते हैं: Organic Acre के फाउंडर लक्ष्य डबास से जानिए देसी जुगाड़ से पॉलीहाउस बनाने का तरीका और कीजिये पूरे साल खेती
आज मैं आपको सीरीज़ के दूसरे भाग में लक्ष्य की कमाल की कुछ ऐसी टिप्स के बारे में बताने जा रहा हूं, जिसका फ़ायदा हमारे दूसरे किसान साथी भी उठा सकते हैं।
लक्ष्य की कुछ ऐसी टिप्स जिनसे खेती में मिलेगा फ़ायदा
अपने अनुभवों पर बात करते हुए लक्ष्य डबास ने बताया कि एक बार में एक बीघा में अगर सिर्फ़ एक सब्ज़ी लगाएंगे तो नुकसान होने की ज़्यादा गुंजाइश रहती है। इसीलिए वो अपने ग्राहकों को लगातार सप्लाई देने के लिए एक पैच में 5 से 6 सब्जियां साथ में लगाते हैं। सप्लाई को बरकरार रखने के लिए वो हर 15 से 20 दिन में दोबारा नए पौधे लगाते हैं। इसमें सब्जियों के सही चुनाव पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है। जैसे मैंने देखा कि अपने फ़ार्म में उन्होंने चेरी और टमाटर के साथ लहसुन और प्याज़ भी लगाए हुए हैं। इससे प्याज़ की फसल से कीटों को नुकसान पहुंचने का खतरा नहीं होता। उन्होंने ये भी बताया कि धनिये की सबसे ज़्यादा मांग रहती है, इसके लिए वो हर दो हफ़्ते में इसे उगाते हैं।
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खरपतवार (Weed) से बचाव के लिए ‘वर्मीकंपोस्ट बेड’
लक्ष्य ने बताया कि उन्होंने अपने फ़ार्म की बाउंड्री पर वर्मीकंपोस्ट के बेड लगायें हैं। इससे बाउंड्री पर उगने वाली खरपतवार नहीं होती। खेत को खरपतवार से काफ़ी नुकसान होता है।
वर्मीकंपोस्ट बेड कैसे बनाएं और इसके फायदे ?
- बेड बनाने के लिए 4 फ़ीट की चौड़ाई और लगभग 20 से 30 फ़ीट की लंबाई रख सकते हैं।
- सबसे नीचे 250 micron की पन्नी का इस्तेमाल करें।
- ईटों से बाउंड्री बनायें और ऊपर से 1 महीना पुराना ठंडा गोबर डालें। गोबर को ठंडा करने के लिए 7 से 8 बार पानी लगाएं, जिससे उसके अंदर की गर्मी और अमोनिया निकल जायेगी।
- इसके बाद अंदर केंचुआ डालें और धूप से बचाने के लिए पराली से ढक लें।
- डेढ महीने के अंदर वर्मीकंपोस्ट तैयार हो जाएगा। इसमें एक और फ़ायदा है कि इतने समय के अंदर दो गुना केंचुए मिल जाएंगे।
- Eisenia Fetida Earthworm नाम के केंचुआ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इसकी बाज़ार में कीमत लगभग 400 रुपये किलो तक होती है। केंचुआ खाद 10 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है।
- एक साल के अंदर औसतन एक केंचुए से 6 केंचुए तक पैदा कर सकते हैं।
लक्ष्य अपने फ़ार्म Organic Acre में कई और तरीकों का इस्तेमाल कर खेती कर रहे हैं। ऐसे ही कई और काम की जानकारियां इस सीरीज़ के अगले भाग में आपसे शेयर करूंगा।
(आगे भी ज़ारी – पढ़ते रहिये www.kisanofindia.com)
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