तेंदूपत्ते के बिज़नेस से किसानों को होगी अतिरिक्त कमाई

ग्रामीण इलाकों में आज भी बहुत से परिवार आजीविका के लिए बीड़ी बनाने का काम करते हैं और बीड़ी बनाने के लिए सबसे ज़्यादा जिस पत्ते का इस्तेमाल होता है, वो है तेंदूपत्ता। तो इसकी खेती करके किसान अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं।

तेंदूपत्ते का बिज़नेस

तेंदूपत्ते का बिज़नेस (Tendu Leaf): खेती से आमदनी बढ़ाने के लिए कई किसान लगातार नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। कुछ फसल उगाने के साथ ही कृषि से जुड़ी दूसरी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं, तो कुछ पारंपरिक फसल के साथ ही दूसरी चीज़ें उगाकर अपनी आमदनी बढ़ाते हैं। अगर आप भी फसल के साथ दूसरी चीज़ें उगाना चाहते हैं तो तेंदूपत्ते का बिज़नेस कर सकते हैं। हमारे देश में इसकी सबसे अधिक खेती मध्यप्रदेश में होती है।

तेंदूपत्ते का वानस्पतिक नाम डायोस्पायरोस मेलानोक्सियन (Diospyros melanoxyion) है। इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे- आंध्र प्रदेश में इसे अब्नस कहा जाता है। वहीं उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में केंडू, गुजरात में टेम्ब्रू, केरल में कारी, महाराष्ट्र में टेमबर्नी और तमिलनाडू में बाली तुप्रा के नाम से जाना जाता है। तेंदूपत्ता किसानों के लिए अतिरिक्त कमाई का अच्छा ज़रिया बन सकता है।

तेंदूपत्ते के बिज़नेस से किसानों को होगी अतिरिक्त कमाई

क्यों होता है बीड़ी बनाने में इस्तेमाल
बीड़ी पीना सेहत के लिए हानिकारक है, बावजूद इसके देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन किया जाता है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में आज भी ये आजीविका का एक साधन बना हुआ है। वैसे तो बीड़ी बनाने के लिए बुटिया मोनोस्पर्म्मा, शोरिया रोबस्टा जैसे पेड़ के पत्तों का उपयोग किया जाता है।

इसके साथ ही कई जगहों पर पलाश के पत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन सबसे ज़्यादा उपयोग तेंदूपत्ते का किया जाता है, क्योंकि इसका पत्ता मोटा होता है, स्वाद में अच्छा होता है, लचीला होने के कारण आसानी से मुड़ जाता है और आग को ज़्यादा देर तक जलाए रखने की क्षमता रखता है।

तेंदूपत्ते
तेंदूपत्ते – तस्वीर साभार: HT

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अन्य उपयोग

तेंदूपत्ते के बीज का उपयोग भारतीय पारंपरिक चिकिस्ता में कई रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। बीज का उपयोग सीधे तौर पर नहीं किया जाता, क्योंकि ये नशीले हो सकते हैं। इसके फलों को खाया जाता है। जबकि इसकी छाल भी कसैली होती है और इसका उपयोग खास तरह का काढ़ा बनाने के लिए किया जाता है, जिसे दस्त होने पर दिया जाता है।

लाइसेंस की ज़रूरत
अगर आप तेंदूपत्ते का बिज़नेस करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सरकार से लाइसेंस लेना होगा और बिज़नेस का जीएसटी भी करवाना होगा। दरअसल, सरकार खुद भी इस बिज़नेस को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। कई जगहों पर तेंदूपत्ते को स्टोर करने के लिए सरकार की ओर से संग्रहालय बनाए गए हैं।

तेंदूपत्ते
तेंदूपत्ते – तस्वीर साभार: mongabay

 

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जल्दी खराब होता है पत्ता
अगर आप तेंदूपत्ते का बिज़नेस कर रहे हैं, तो आपको ये पता होना चाहिए कि इसके पत्ते जल्दी खराब हो जाते हैं इसलिए पहले से ही इन्हें तोड़कर न रखें। जैसे-जैसे ज़रूरत हो उस हिसाब से तोड़ें। क्योंकि इसके पत्तों में सीलन जल्दी लग जाती है और सीलन लगने बाद इनती अच्छी कीमत नहीं मिलती।

तेंदूपत्ते की सबसे ज़्यादा मांग बीड़ी बनाने वाली कंपनियों में ही होती है, तो आप अगर बड़े पैमाने पर तेंदूपत्ता उगा रहे हैं, तो ऐसी कंपनियों से सीधा संपर्क करके उन्हें पत्ते बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आमतौर पर इसके एक बोरे पत्ते की कीमत 4-5 हजार रुपये होती है। वैसे कीमत में उतार-चढ़ाव मांग के अनुरूप हो सकता है।

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