कोरोना लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियों के लड़खड़ा जाने का सबसे गम्भीर असर ग़रीबों की रोज़ी-रोटी पर पड़ा है। इसकी भरपाई के लिए 23 अप्रैल को प्रधान मंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana-PMGKAY) के तीसरे संस्करण के रूप में तहत मई और जून के लिए सभी राशन कार्ड धारकों को 5 किलो अनाज प्रति व्यक्ति प्रति माह मुफ़्त देने की घोषणा हुई थी।
इसी घोषणा के तहत सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने मिलकर 17 मई 2021 तक भारतीय खाद्य निगम (FCI) के डिपो से 31.8 लाख मीट्रिक टन (LMT) खाद्यान्न उठा लिया है।
किसने-कितना अनाज उठाया?
PMGKAY-III के तहत लक्षद्वीप प्रशासन इकलौता है जिसने मई और जून 2021 के लिए आबंटित अपने पूरे कोटा को उठा लिया है। यक़ीनन ये तेज़ी मॉनसून के महीने को देखते हुए दिखायी गयी है। क्योंकि मौसम विभाग ने मॉनसून की प्रगति को सामान्य बताया है और इस तरह वो 1 जून को या उससे एक दिन पहले भी केरल के तट पर दस्तक देने वाला है। लक्षद्वीप को जाने वाला राशन केरल से जहाज़रानी मंत्रालय के मालवाहक पोतों के ज़रिये वहाँ पहुँचता है।
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लक्षद्वीप के बाद 15 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश अब तक मई के लिए आबंटित अपने पूरे कोटा को FCI के डिपो से उठा चुके हैं। ये हैं – आन्ध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, केरल, लद्दाख, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा।
26,000 करोड़ रुपये की राहत
प्रधान मंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का संचालन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून (NFSA) के तहत किया जाता है। NFSA के तहत करीब 79.39 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो के हिसाब से बेहद रियायती दाम पर अनाज मुहैया करवाया जाता है।
लेकिन कोरोना महामारी के मौजूदा दौर को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इन्हीं लाभार्थियों को दो महीने यानी मई और जून 2021 के लिए मुफ़्त और अतिरिक्त अनाज देने का एलान किया। इस पर होने वाले 26 हज़ार करोड़ रुपये का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाएगी।
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बता दें कि केन्द्र सरकार ने PMGKAY-I (अप्रैल-जून 2020) और PMGKAY-II (जुलाई-नवम्बर 2020) के तहत NFSA लाभार्थियों को कुल 305 LMT खाद्यान्न मुफ़्त बाँटा था। इसमें 104 LMT गेहूँ और 201 LMT चावल था।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का कहना है कि उसने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को PMGKAY के तहत समयबद्ध तरीके से मुफ़्त खाद्यान्न उठाने और उसे ग़रीब लाभार्थियों के बीच बाँटने के लिए संवेदनशील बनाया है।