दिसम्बर 2018 से जारी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PMKSNY) के 9.5 करोड़ लाभार्थियों में अब पश्चिम बंगाल के 7.03 लाख किसान भी शामिल हो चुके हैं। बंगाल के भी उन किसानों के बैंक खातों में पहली बार 2,000 रुपये की किस्त पहुँच चुकी है, जिनके ब्यौरों को सत्यापित करके राज्य सरकार ने केन्द्र के पास भेजा था। करीब 20,000 करोड़ किसानों को सीधे देने वाली PMKSNY की आठवीं किस्त को 14 मई को प्रधानमंत्री ने जारी किया।
बंगाल के किसानों को अभी तक 500 रुपये महीना के हिसाब से सालाना 6,000 रुपये किसानों के खाते में सीधे पहुँचाने वाली योजना का लाभ नहीं पहुँच रहा था, क्योंकि इस योजना को लेकर ममता बनर्जी सरकार की कुछ आपत्तियाँ थीं। ममता सरकार जिस ढंग से PMKSNY को लागू करने के लिए कह रही थी, उसके लिए केन्द्र सरकार रज़ामन्द नहीं थी। इसी गतिरोध की वजह से बंगाल के किसान PMKSNY के लाभ से वंचित रहे।
नरम पड़ी ममता सरकार
हाल के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की ओर ममता सरकार पर किसान-विरोधी होने के अनेक हमले हुए। दिसम्बर में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार ने हठीले रवैये की वजह से बंगाल के 70 लाख किसानों को PMKSNY का लाभ नहीं मिल पा रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान भी प्रधानमंत्री समेत बीजेपी के अनेक नेताओं ने वादा किया था कि राज्य में PMKSNY के हरेक लाभार्थी को 18,000 रुपये यानी वो रकम जो देश के अन्य लाभार्थी किसानों को मिली है, उसका भुगतान सुनिश्चित करेंगे। लेकिन अभी बंगाल के जिन 7 लाख 3 हज़ार किसानों को PMKSNY की पहली किस्त भेजी भी गयी है, उन्हें चुनावी वादे के मुताबिक, 18 हज़ार रुपये का बकाया नहीं दिया गया है। मुमकिन है इसके बारे में सरकारें आने वाले दिनों में तस्वीर साफ़ करें।
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दूसरी ओर, ममता बनर्जी का कहना था कि 6 नवम्बर 2020 तक बंगाल के 21.79 लाख किसानों ने PMKSNY के पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था। लेकिन केन्द्र सरकार ने बंगाल के 14.91 लाख किसानों का ब्यौरा PM Kisan पोर्टल पर अपडोल किया और राज्य सरकार से इन्हें सत्यापित करने को कहा गया। 31 दिसम्बर 2020 तक ममता सरकार ने 9.84 लाख किसानों के आवेदन का सत्यापन करके केन्द्र सरकार से इन्हें PMKSNY का लाभार्थी बनाने का अनुरोध किया था। लेकिन मामला सियासी भँवर में फँसा रहा।
विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 6 मई को ममता बनर्जी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर राज्य के किसानों से किये गये वादों को निभाने का अनुरोध किया। केन्द्र सरकार ने इसे ममता के तेवरों के नरम पड़ने की तरह देखा। इसीलिए अब राज्य के 7.03 लाख किसानों को PMKSNY की आठवीं किस्त के लाभार्थी बना दिये गये। लेकिन ये अभी साफ़ नहीं है कि बाक़ी आवेदनों पर केन्द्र सरकार की ओर से क्या फ़ैसला लिया जाएगा?
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अब पूरे देश में PMKSNY लागू
इस तरह, अब कह सकते हैं कि PMKSNY पूरे देश के हरेक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के किसानों के लिए समान रूप से लागू हो गयी है। PMKSNY के तहत उन छोटे और सीमान्त किसानों को 2-2 हज़ार रुपये की तीन किस्तों के रूप में 6,000 रुपये सालाना दिये जाते हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर या 5 एकड़ से कम ज़मीन है।