कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक ओर पूरी दुनिया एकजुट हो गई है। वहीं दूसरी ओर जालसाज सक्रिय हो गए हैं। देश में कोरोना वैक्सीन अब तक नहीं आई है, लेकिन गोरखपुर में स्वास्थ्य विभाग का नाम लेकर लोगों के पास पंजीकरण कराने के लिए फर्जी कॉल की जा रही है।
लोगों से टीकाकरण के नाम पर आधार, ईमेल आईडी और वेरिफिकेशन के लिए मोबाइल पर आने वाले ओटीपी की जानकारी मांगी जा रही है। ऐसे में बड़े फ्रॉड की आशंका को बल मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से किसी भी फोन कॉल के बहकावे में नहीं आने की अपील की है।
जनवरी के तीसरे सप्ताह में कोरोना वैक्सीन आने की संभावना है। इसके बाद उन फ्रंटलाइन वारियर्स को टीका लगाया जाएगा, जो महामारी से लड़ रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी के मुताबिक कोविड-19 टीकाकरण (covid-19 vaccination) के लिए अभी जनसामान्य का पंजीकरण (registration) नहीं किया जा रहा है।
अभी सिर्फ सरकारी और निजी क्षेत्रों में कार्य कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की प्रामाणिक सूची के आधार पर उन्हीं का पंजीकरण किया गया है। पुलिस के मुताबिक फोन पर लोगों को घर आकर वैक्सीन लगाने की बात कही जा रही है और इसके लिए उनसे व्यक्तिगत जानकारी (personal information) मांगी जा रही है।
पुलिस का कहना है कि जब आम लोगों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू होगा तो सार्वजनिक सूचना (public notice) जारी की जाएगी। आम लोग वैक्सीन के चक्कर में धोखाधड़ी के शिकार न हों, इसके लिए साइबर सेल और सर्विलांस की टीम सक्रिय हो गई है।