पंजाब के किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन को सुलझाने के लिए मोदी सरकार की तरफ से खुद गृहमंत्री अमित शाह ने कमान संभाली है। एक महीने में यह दूसरा मौका है, जब गृहमंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप कर किसानों के आंदोलन से जारी गतिरोध को दूर करने की कोशिश की है। गृहमंत्री अमित शाह ने बीते शनिवार को आंदोलनत किसानों से जल्द से जल्द बातचीत का ऑफर दिया था। उन्होंने किसानों को बुराड़ी में निर्धारित ग्राउंड में एकत्र होने की अपील की थी। यह अलग बात है कि फिलहाल किसानों ने यह ऑफर ठुकरा दिया है। नगर निगम चुनाव की कैंपेनिंग करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह रविवार को हैदराबाद पहुंचे हैं। उनके हैदराबाद से नई दिल्ली वापस आते ही किसानों के आंदोलन को सुलझाने के लिए सरकार की तरफ से तेज गति से फैसले हो सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह पंजाब के भाजपा नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से किसानों के आंदोलन को सुलझाने के विषय पर चर्चा करने के साथ जरूरी दिशा-निर्देश देने में लगे हैं। भाजपा नेताओं के मुताबिक, मोदी सरकार में गृहमंत्री अमित शाह सबसे मजबूत चेहरे हैं, ऐसे में उनकी अपील, दूसरों की तुलना में ज्यादा असर कर सकती है। किसानों का यह आंदोलन गृहमंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप से आसानी से सुलझ सकता है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पंजाब के कांग्रेस सांसद भी जरूरत पड़ने पर गृहमंत्री अमित शाह से ही मदद मांगते हैं। इससे पूर्व रेल सेवाओं को लेकर कांग्रेस सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से ही मुलाकात कर हस्तक्षेप करने की मांग की थी। सितंबर में तीन नए कृषि कानूनों के बनने के बाद पंजाब में रेल रोको आंदोलन शुरू हुआ था। दो महीने से रेल ट्रेक बाधित होने से ट्रेनों का संचालन ठप था। जिसके बाद कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल, गुरजीत सिंह औजला आदि ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी।
कांग्रेस सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह ने रेल सेवाओं की बहाली का आश्वासन दिया था। इस बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल भी थे। गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर नवंबर के आखिरी सप्ताह से पंजाब में दो माह बाद रेल सेवाएं सुचारू रूप से शुरू हो सकीं। ऐसे में माना जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप से किसी बड़े आश्वासन के साथ जल्द ही किसानों का आंदोलन सुलझ सकता है।