Apple Farming In Plain Areas: मैदानी इलाकों में सेब की खेती होने लगी, जानिए किस्मों के बारे में

मैदानी इलाकों में सेब की खेती (Apple Cultivation in plain Areas) के लिए कई किस्में उगाई जा सकती हैं, जैसे एचआर एमएन-99, इन शेमर, माइकल, बेबर्ली हिल्स आदि।

मैदानी इलाकों में सेब की खेती Apple Cultivation in plain Areas

क्या आपने कभी सोचा है कि मैदानी इलाकों में सेब की खेती (Apple Cultivation in plain Areas) की जा सकते हैं? जी हां, अब  ये सच है! सेब की खेती अब सिर्फ़ पहाड़ी इलाकों तक सीमित नहीं रही। विदेशी वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसी सेब की किस्में बनाई हैं जो गर्म इलाकों में भी अच्छी तरह से उग सकती हैं। लेकिन अब तक हमें इनके बारे में ज़्यादा पता नहीं था क्योंकि भारत की गर्म जलवायु में इनकी जांच नहीं की गई थी।

अच्छी ख़बर ये है कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने इन किस्मों को यहां के मौसम में परखा है। उन्होंने पाया कि कुछ सेब की किस्मों को बहुत कम ठंड की ज़रूरत होती है। ये किस्में सिर्फ़ 250-300 घंटे की ठंड में भी फल दे सकती हैं। इस खोज से ये साबित हो गया है कि सेब की खेती (Apple Cultivation) सिर्फ़ ठंडे इलाकों में ही नहीं, बल्कि मैदानी और गर्म इलाकों में भी की जा सकती है। ये किसानों के लिए एक नया मौका है। अब वे अपनी खेती में नया बदलाव ला सकते हैं और सेब उगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।

सेब की नई किस्में जो मैदानी इलाकों के लिए बेहतरीन विकल्प है (New varieties of apples for best option for the plains)

1. अन्ना (Anna) : मैदानी इलाकों में सेब की खेती (Apple Cultivation in plain Areas) के लिए अन्ना एक ख़ास किस्म है जो गर्म मौसम में भी अच्छी तरह से बढ़ती है और जल्दी पक जाती है। इसके फल जून में ही तैयार हो जाते हैं। फल देखने में गोल्डन डिलीशियस जैसे लगते हैं और इन्हें क़रीब एक हफ्ते तक रखा जा सकता है। अन्ना सेब के पेड़ों के साथ कुछ दूसरी किस्म के पेड़ भी लगाने चाहिए, जैसे डार्सेट गोल्डन। इससे फूलों का परागण अच्छी तरह से होता है और ज़्यादा फल लगते हैं।

2. डार्सेट गोल्डन (Darset Golden) : डार्सेट गोल्डन भी गर्म इलाकों के लिए बनाई गई एक ख़ास किस्म है। इसे भी बहुत कम ठंड की ज़रूरत होती है। जिसका वक्त केवल  250-300 घंटों का है। अगर आप अन्ना सेब उगा रहे हैं, तो हर 100 पेड़ों में से 20 पेड़ डार्सेट गोल्डन के लगाएं। इससे अन्ना के पेड़ों पर ज़्यादा फल लगेंगे। इनके अलावा मैदानी इलाकों में सेब की खेती (Apple Cultivation in plain Areas) की और भी कई किस्में हैं जो उगाई जा सकती हैं, जैसे एचआर एमएन-99, इन शेमर, माइकल, बेबर्ली हिल्स, पार्लिन्स ब्यूटी, ट्रापिकल ब्यूटी, पेटेगिल और तम्मा वगैरह।

पौध रोपण हेतु तैयारियां एवं जानकारी (Preparations and information for planting saplings)

मैदानी इलाकों में सेब की खेती (Apple Cultivation in plain Areas) शुरू करने से पहले, किसानों को कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे पौधे सरकारी या मान्यता प्राप्त नर्सरी से ही खरीदें। मिट्टी का pH 6-7 के बीच होना चाहिए और जमीन में पानी जमा नहीं होना चाहिए। पौधों को 5×5 या 6×6 मीटर की दूरी पर लगाएं और हर पौधे के लिए 15 किलो सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल करें। पौधे लगाते वक्त ध्यान रखें कि मूलवृंत और साकुर का जोड़ ज़मीन में न दबे।

नवंबर से जनवरी के बीच पौधों की ज़्यादातर पत्तियां गिर जाती हैं। ये एक प्राकृतिक प्रक्रिया (Natural process) है जो पौधों को ठंड सहने और अगले मौसम में फूल लाने में मदद करती है। तो, किसानों को इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है।

कीट और बीमारियों से करें पौधों का बचाव (Protect plants from these insect diseases)

सेब के पौधों को कुछ कीट और बीमारियों से बचाना ज़रूरी है। अगस्त-सितंबर में हेयर कैटरपिलर से बचाव के लिए डाइमेथोएट का छिड़काव करें। जुलाई में बारिश के दौरान फल सड़ने की समस्या हो सकती है, जिसके लिए कार्बेन्डाजिम या थायोफेनेट मिथाइल का छिड़काव किया जा सकता है। सबसे अच्छा ये होगा कि बारिश से पहले ही फल तोड़ लिए जाएं।

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मैदानी इलाकों में सेब की खेती (Apple cultivation in plain areas) पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सवाल 1: सेब की नई किस्मों के पौधे कहां से लेने चाहिए?

जवाब: आप सरकारी नर्सरी या मान्यता प्राप्त नर्सरी से सेब की नई किस्मों के पौधे खरीद सकते हैं।

सवाल 2: सेब की खेती शुरू करने से पहले जमीन कैसी होनी चाहिए?

जवाब:  – मिट्टी का pH मान 6-7 के बीच होना चाहिए।

   – पानी जमा न होने वाली जमीन चुनें।

   – दिन में कम से कम पौधों को 6 घंटे धूप मिलनी चाहिए।

सवाल 3: सेब की नई किस्मों के पौधे कैसे लगाएं?

जवाब:  – हर पौधे के लिए 15 किलो सड़ी हुई खाद का प्रयोग करें।

   – पौधों को 5×5 या 6×6 मीटर की दूरी पर लगाएं।

   – इस बात का ख़ास ध्यान रहे, पौधे का जोड़ (गांठ) ज़मीन में न दबे।

सवाल 4: सेब की नई किस्मों के पौधों की देखभाल कैसे करें?

जवाब: सेब के पौधे लगाने के बाद नवंबर से जनवरी के बीच उनकी पत्तियां गिरेंगी, घबराएं नहीं ये एक सामान्य प्रक्रिया है। ये प्रक्रिया ठंड को सहने और अगले मौसम में फूल लाने में मदद करती है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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