बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसद में पीएम मोदी से मीटिंग की। उन्होंने कृषि बिलों पर सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि कानून किसानों के हित के लिए हैं, न कि उनके खिलाफ। उन्होंने कहा कि वह केन्द्र सरकार द्वारा किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए अपनाए जा रहे बातचीत के रास्ते को भी सही मानते हैं। पिछले वर्ष नवंबर में बिहार विधानसभा चुनावों के बाद नीतीश कुमार की पीएम मोदी के साथ यह पहली बैठक थी।
उल्लेखनीय है कि देश में कृषि बिलों को निरस्त करने तथा एमएसपी पर कानून बनाकर गारंटी देने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि मोदी सरकार ने इन कृषि बिलों को निरस्त करने के बजाय इन्हें कुछ समय के लिए टालने और आवश्यक संशोधन करने का प्रस्ताव प्रदर्शनकारी किसानों को दिया है, जिसे किसानों ने सिरे से खारिज कर दिया है।
अपनी मांगों को लेकर किसान 26 नवंबर से लगातार विरोध प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली भी निकाल चुके हैं जो बाद में हिंसक हो गई। इसके बाद हाल ही फरवरी माह में दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर पूरे देश में 3 घंटे के लिए चक्का जाम भी किया गया था।
कृषि क़ानूनों को लेकर पूछे गए सवाल पर नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा कि हम सरकार के साथ हैं और सरकार ने बातचीत करके सही रास्ते का विकल्प चुना है। उन्होंने समस्या के जल्द समाधान की संभावना भी व्यक्त की। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के प्रभाव के बावजूद बजट बहुत अच्छा है। उन्होंने राज्य में भी ऐसा ही बजट लाने के संकेत भी दिए।