बिहार के किसानों के लिए साल 2021 उम्मीदों से भरा हो सकता है। बिहार सरकार कृषि क्षेत्र में तीन बड़े कदम उठाने जा रही है। जिनमें, हर खेत की सिंचाई, खेती के लिए अलग से बिजली फीडर और मौसम के अनुकूल खेती की योजनाएं शामिल हैं। इन तीनों के अमल में आने के बाद किसानों की परेशानियां कम और आमदनी अधिक होगी।
ये भी देखें : सरकार लाई है किसानों के लिए खुशखबरी, नए नियमों से होंगे फायदे ही फायदे
ये भी देखें : रीपर बाइंडर मशीन, 50 प्रतिशत में पाएं और समय बचाएं
ये भी देखें : अमरूद की खेती कर कमाया लाखों का मुनाफा, जानिए शीतल सूर्यवंशी की कहानी
मौसम के अनुकूल खेती योजना
सभी जिलों में बिहार सरकार ने मौसम के अनुकूल खेती योजना शुरू कर दी है। इस साल सबसे पहले रबी के मौसम से योजना कि शुरुआत की गई है। इसके साथ, हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए प्लॉट-टू-प्लॉट सर्वे का कार्य भी पूरा हो गया है। तकनीकी सर्वे की प्रक्रिया जारी है। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च तक इसे पूरा कर लिया जाए। ताकि नए वित्तीय वर्ष में योजना को जमीन पर उतारा जा सके।
ये भी देखें : मदर डेयरी की फ्रेंचाइजी लेकर करें लाखों की कमाई
ये भी देखें : Goat Dairy Farm – सिरोही बकरी पाल कर हो जाएं मालामाल, जानिए डिटेल्स
ये भी देखें : घर बैठे मशरूम उगाकर भी कमा सकते हैं खूब पैसा, जानिए कैसे
हर खेत में पहुंचेगा पानी
कृषि विभाग के प्लॉट टू प्लॉट सर्वे के मुताबिक बिहार में 11 लाख 20 हजार 988 हेक्टेयर खेती योग्य जमीन असिंचित है। इन खेतों से जुड़े करीब 38 लाख 83 हजार किसानों की मांग है कि उन्हें बोरवेल उपलब्ध कराया जाए। जारी तकनीकी सर्वे में किसानों के मांगों की संभाव्यता की तलाश की जा रही है। इसके साथ, खेती के लिए अलग से बिजली की व्यवस्था की जा रही है। तकनीकी सर्वे के बाद जिन खेतों की सिंचाईं के लिए बिजली की जरूरत होगी, वहां सरकार बिजली पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। इस बाबत, सरकार ने जल संसाधन, लघु जल संसाधन और कृषि विभाग के साथ बिजली विभाग को समन्वय स्थापित कर काम करने का निर्देश दिया है।
365 दिन लाहलहाएंगी फसलें
बीते साल आठ जिलों में मौसम अनुकूल खेती की गई थी। जो परिणाम स्वरूप सफल रहे थे। गेहूं की उत्पादकता 50 क्विंटल तक मिली। जिसके बाद , सरकार ने इसे अब सभी जिलों में शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना की निगरानी 4 बड़ी कृषि संस्थाएं करेंगी। तय किया गया है कि साल के 365 दिन खेत में फसल रहेगी। तीन फसलों का कैलेंडर तैयार किया गया है। पांच साल तक खेतों की जुताई नहीं होगी। इसके लिए लगभग एक दर्जन फसल चक्र बनाये गये हैं।