मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानूनों के भारी विरोध के बीच अब भारतीय जनता पार्टी ने बड़े पैमाने पर जनजागरण अभियान चलाने की तैयारी की है। देश में सात सौ से अधिक स्थानों पर प्रेस कांफ्रेंस और किसान चौपाल के जरिए किसानों के लिए बने कानूनों पर फैलाई गई भ्रांतियों को तथ्यों के जरिए पार्टी नेता दूर करेंगे।
भाजपा प्रदेश से लेकर जिला और मंडल स्तरों पर भी आयोजन कर किसान कानूनों के सभी प्रावधानों के बारे में जनता को बताएगी। किसान कानूनों को लेकर आम किसानों के मन में उपजी शंकाओं का समाधान करने की दिशा में यह कवायद करने की तैयारी है। चौपालों का आयोजन तत्काल प्रभाव से शुरू होगा।
दरअसल, सितंबर में बने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान बीते 26 नवंबर से दिल्ली का घेराव कर रहे हैं। अब तक पांच राउंड सरकार से चली बातचीत के बाद भी गतिरोध दूर नहीं हो सका है। केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों को देखते हुए आधे दर्जन से अधिक संशोधन करने की बात कही, लेकिन किसान तीनों कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार होने हैं। लेकिन कुछ राजनीतिक दल चाहते हैं कि किसान पिछले 70 वर्षों की तरह ही बदहाल रहे। वे किसानों के बीच गलतफहमियां फैलाकर उन्हें भड़का रहे हैं। किसानों के बीच गलतफहमी दूर करने के लिए पार्टी उनके बीच जाने की तैयारी कर रही है। किसानों को सही बात पता चलेगी तो वे खुद आंदोलन का हिस्सा नहीं बनेंगे।