रबी सीज़न 2024-25 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर सब्सिडी, किसानों को क्या लाभ?

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रबी सत्र में ₹24,475 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी से किसानों की लागत कम होगी और आय बढ़ेगी।

उर्वरकों पर सब्सिडी

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें रबी सीज़न 2024 (अक्टूबर, 2024 से मार्च, 2025 तक) के लिए पीएंडके उर्वरकों पर पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से किसानों को सस्ती दरों पर फसल पोषक तत्व मुहैया कराने के लिए 18 सितंबर 2024 को आगामी रबी फसल सत्र के लिए फॉस्फेट और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,474.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी के लिए मुहर लगा दी है। 

पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी से किसानों की लागत कम और आय को मिलेगा बढ़ावा

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रबी सत्र के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,475 करोड़ रुपये की इस सब्सिडी से किसानों की लागत कम करने और उनकी आय को बढ़ावा मिल पाएगा। इससे किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता हो सकेगी। 

भारत सरकार उर्वरक निर्माताओं और आयातकों के ज़रीये से किसानों को रियायती दरों पर 28 ग्रेड के फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरक मुहैया करवा रही है। ऐसे पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी 1 अप्रैल 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना की ओर से कंट्रोल की जाती है। सरकार ने देश के किसानों को किफायती मूल्यों पर पीएंडके उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध बताया है।

सब्सिडी-युक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरक मुहैया

सरकार ने उर्वरकों और यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखकर रबी 2024 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक (P&K) उर्वरकों पर 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक प्रभावी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है। जिससे उर्वरक कंपनियों को अधिसूचित दरों से सब्सिडी दी जा सके ताकि किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक मिल सके। 

प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, रबी सत्र 2024 के लिए अस्थायी बजटीय जरूरत लगभग 24,475.53 करोड़ रुपये होगी। इस फैसले का उद्देश्य किसानों को सब्सिडी-युक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरक मुहैया कराना है।  

सरकार उर्वरक निर्माताओं और आयातकों के ज़रीये किसानों को सब्सिडी कीमत पर 28 किस्मों के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। बता दें कि पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एक अप्रैल, 2010 से लाई गई एनबीएस योजना से कंट्रोल होती है। 

क्या है फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) नीति?

भारत सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों पर 25 अगस्त 1992 से फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों को नियंत्रण मुक्त (Control Free) कर दिया था। विनियंत्रण के परिणामस्वरूप, फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त उर्वरकों की बाजार में कीमत काफी तेजी के साथ बढ़ने लगी। जिसकी वजह से मांग व खपत पर नकरात्मक असर हुआ। पीएंडके उर्वरकों की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए कृषि और सहकारिता विभाग ने अक्टूबर 1992 से नियंत्रणमुक्‍त (Free From Control) फॉस्फेट युक्त और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों के लिए रियायत स्कीम शुरू की। जिसे भारत सरकार की ओर से वक्त-वक्त पर मापदंडों के साथ बदलाव किये गये। तत्कालीन रियायत योजना के क्रम में 1 अप्रैल 2010 से पोषकतत्व आधारित  सब्सिडी नीति की शुरुआत की।

फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर सब्सिडी से क्या फ़ायदा?

  1. पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एक अप्रैल, 2010 से लाई गई एनबीएस योजना से कंट्रोल होगा।
  2. उर्वरक कंपनियों को अधिसूचित दरों से सब्सिडी दी जा सके ताकि किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक मिल पाएगा।  
  3. इस सब्सिडी से किसानों की लागत कम करने और उनकी आय को बढ़ावा मिल पाएगा।
  4. किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता हो सकेगी। 
  5. किसानों को सब्सिडी-युक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरक मुहैया हो पाएगा।  

फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) नीति से जुड़े सवाल और उसके जवाब

सवाल- क्या है केंद्र सरकार की फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) नीति

जवाब- पीएंडके उर्वरकों की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए कृषि और सहकारिता विभाग ने अक्टूबर 1992 से नियंत्रणमुक्‍त (Free From Control) फॉस्फेट युक्त और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों के लिए रियायत स्कीम शुरू की। जिसे भारत सरकार की ओर से वक्त-वक्त पर मापदंडों के साथ बदलाव किये गये। तत्कालीन रियायत योजना के क्रम में 1 अप्रैल 2010 से पोषकतत्व आधारित  सब्सिडी नीति की शुरुआत की।

सवाल- केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पीएंडके उर्वरकों पर पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को कितने रूपये की मिली मंजूरी?

जवाब- प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रबी सीज़न 2024 (अक्टूबर, 2024 से मार्च, 2025 तक) के लिए पीएंडके उर्वरकों पर पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी प्रदान की गई है।  केंद्र सरकार की ओर से किसानों को सस्ती दरों पर फसल पोषक तत्व मुहैया कराने के लिए 18 सितंबर 2024 को आगामी रबी फसल सत्र के लिए फॉस्फेट और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,474.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी के लिए मुहर लगा दी है। 

सवाल- फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर सब्सिडी से किसानों को क्या होगा फ़ायदा?

जवाब- पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एक अप्रैल, 2010 से लाई गई एनबीएस योजना से कंट्रोल होगा। इसके साथ ही उर्वरक कंपनियों को अधिसूचित दरों से सब्सिडी दी जा सके ताकि किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक मिल पाएगा।  वहीं इस सब्सिडी से किसानों की लागत कम करने और उनकी आय को बढ़ावा मिल पाएगा।

 सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top