उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PMKSN) योजना के सभी लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना से जोड़ने का फ़ैसला किया है। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। इसे योजना को 15 अप्रैल तक पूरा करके दिखाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार ने कृषि विभाग को छोटी जोत वाले हरेक किसानों का भी क्रेडिट कार्ड बनाने का आदेश दिया है। 07 मार्च 2021 तक के सरकारी आँकड़ों के अनुसार, अब तक प्रदेश के ढाई करोड़ (2,52,74,496) से ज़्यादा किसानों को PMKSN से जोड़ा जा चुका है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये संख्या करीब 11 करोड़ 15 लाख है।
जनवरी तक उत्तर प्रदेश में PMKSN के लाभार्थियों की संख्या 2.43 करोड़ थी। इनमें से 1.53 करोड़ किसान को क्रेडिट कार्ड का भी लाभार्थी बनाया जा चुका था। अब सरकार ने बाकी बचे करीब एक करोड़ किसानों को 15 अप्रैल तक क्रेडिट कार्ड सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसीलिए अभियान चलाया जाएगा। कोरोना संकट की वजह से सभी किसानों को क्रेडिट कार्ड देने का काम बुरी तरह से बाधित हुआ था। लेकिन अब सामान्य होते हालात को देखते हुए कृषि विभाग की ओर से गाँव-गाँव में अभियान चलाकर उन किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ने को प्राथमिकता दी है, जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6,000 रुपये का लाभ पा रहे हैं।
ये भी पढ़ें : किसानों के लिए कैसे बहुत उपयोगी है किसान क्रेडिट कार्ड?
क्रेडिट कार्ड के प्रक्रिया हुई आसान
केन्द्र सरकार ने सम्मान निधि पाने वाले हरेक किसान को क्रेडिट कार्ड के लिए स्वतः योग्य बना दिया है और इन्हें क्रेडिट कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को भी बेहद आसान बना दिया गया है। इसीलिए अब कृषि विभाग के लोग ज़िलों में अभियान चलाकर किसानों के प्रार्थना पत्र को वित्तीय संस्थाओं को सौंप रहे हैं, ताकि इनका सत्यापन करके जल्द से जल्द क्रेडिट कार्ड जारी हो सकें। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि उसने खेती-बाड़ी से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के बेहतर उपयोग के लिए पहली बार 27 विभागों के बीच अनूठा समन्वय स्थापित किया है। ताकि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने संकल्प को साकार करके दिखाया जा सके।
तीन पराली प्लांट लग गये
उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली की समस्या से ज़्यादा प्रभावित ज़िलों में बॉयोमास प्लांट लगाने की जो योजना बनायी थी, उसके तहत तीन ज़िलों – बहराइच, बागपत और फैज़ाबाद में प्लांट लग गये हैं। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC) की ऊँचाहार इकाई में पराली से तैयार होने वाले पैलेट्स की सप्लाई भी चालू हो चुकी है। ऐसी तकनीकी पहले से जहाँ एक ओर पराली की समस्या का उपचार हो रहा है, वहीं बॉयोमास प्लांट को पराली बेचकर किसानों को भी अतिरिक्त आमदनी हो रही है।