कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 43वें दिन भी जारी है। आज किसान विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं। उनका कहना है कि यह मार्च किसान संगठनों द्वारा 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड़ की रिहर्सल है। पहले यह मार्च छह जनवरी बुधवार को निकाला जाना था परन्तु किन्ही कारणों के चलते इसे एक दिन बढ़ा कर आज प्रस्तावित किया गया है।
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आज किसानों के प्रदर्शन के चलते आम लोगों को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने एडवाइजरी भी जारी की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार यह ट्रैक्टर यात्रा ईस्टर्न पेरीफेरल रोड पर दुहाई, डासना, बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल तक जाएगी और वहां से वापस आएगी। इस दौरान बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन 12 बजे दिन से सायं 3 बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, इनको डाइवर्ट किया जाएगा। इसी प्रकार सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन 2 बजे से 5 बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा।
राकेश टिकैत ने बताया इसे किसानों का गुस्सा
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये सरकार के खिलाफ किसान भाइयों का गुस्सा है, सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। ये तो सरकार को सोचना है कि कितनी जल्दी बात खत्म कर सकते हैं। हम तो बस कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर किसानों की सरकार के साथ अगली मीटिंग आठ जनवरी को रखी गई है। इससे पहले सातवें दौर की बातचीत में दो मांगों पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई थी परन्तु किसानों की दो मुख्य मांगे जिनमें तीनों कानूनों को पूरी तरह रद्द करना तथा MSP पर कानून बनाना है, उन पर अभी मसला अटका हुआ है। इन्हीं पर बात करने के लिए आठ जनवरी को मीटिंग रखी गई है।