नए कृषि कानून (New Agriculture Law) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान डेढ़ माह से आंदोलन कर रहे हैं। किसान तीन नए कानूनों को वापस लेने और MSP पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि कानून वापसी के बाद ही वे घर लौटेंगे।
इस बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) ने कहा है कि अगले बजट में कृषि क्षेत्र का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
अगले बजट आने में अब एक महीने से भी कम समय बचा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, फिर भी अगर कोई आपत्ति है तो सरकार उसे दूर करने के लिए कानून में संशोधन करने को तैयार है।
कैलाश चौधरी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी किसान विरोधी नहीं हो सकते। हल चलाने से लेकर फसल बोने तक मैं खेती-किसानी की हर बारीकी को जानता हूं। मैंने खुद वर्षों तक खेत में काम किया है।
हमने कानूनों का समर्थन और विरोध करने वाले दोनों ही तरह के किसानों से मुलाकात की है। मुझे यकीन है कि आंदोलन कर रहे किसान यूनियन किसानों के हितों का ध्यान रखेंगे।
चौधरी ने कहा कि कोरोना काल के भयंकर संकट के बावजूद कृषि क्षेत्र की विकास दर उत्साहवर्धक रही है। मोदी सरकार संकट से घिरे कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाई पर पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए व्यापक योजनाएं लागू की हैं, जिसका लक्ष्य 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। जहां तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद का सवाल है तो सरकार इसके लिए लिखित में आश्वासन देने को तैयार है, इसलिए इसमें किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने और बिजली अनुदान से संबंधित किसानों की जो भी शंकाएं थीं। सरकार ने उन्हें दूर कर दिया है। इसलिए किसानों के मन में अब यह शंका नहीं होनी चाहिए कि मोदी सरकार किसानों के हितों को कभी नजरंदाज कर सकती है।