दिल्ली की बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसान संगठनों ने फेसबुक पर आरोप लगाते हुए खहा है कि केन्द्र सरकार के इशारे पर फेसबुक ने उनके पेज “किसान एकता मोर्चा” को ब्लॉक कर दिया है। हालांकि बाद में इस पेज को बहाल कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि किसानों ने कृषि कानूनों को लेकर एनडीए में शामिल सभी दलों का भी बहिष्कार करने का निर्णय किया है। सिंधु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ‘मन की बात’ में बोलेंगे, लेकिन हम आप सभी से अपील करते हैं कि जब तक प्रधानमंत्री बोलें आप उतनी देर तक बर्तन बजाते रहें।
किसानों को पेज ब्लॉक किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर मीम्स बनने शुरू हो गए। किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे बहुत से लोगों ने भी इस संबंध में अपने विार रखें। फेसबुक पर कटाक्ष करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “ब्रेकिंग: मार्क जुकरबर्ग राज्यसभा के लिए नामांकित होंगे।”