केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही पारित किए गए तीन कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों ने ‘भारत बंद’ का आव्हान किया है। इन कानूनों के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन किए जा रहे हैं तथा पंजाब-हरियाणा सहित देश के कई हिस्सों में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया जा रहा है।
किसानों का धरना दोपहर 12 बजे से चार बजे तक चलेगा। किसान संगठनों की ओर से अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फाजिल्का, जलालाबाद, मोगा, गुरदासपुर, हरगोबिंदपुर, जालंधर और कपूरथला में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक धरने-प्रदर्शन किए जाएंगे।
बड़ी खबर! किसानों की 5 एकड़ तक की जमीन नहीं हो सकेगी नीलाम
अमरिंदर सिंह जंतर-मंतर पर देंगे ‘धरना’, विपक्षी पार्टियों ने बताया ‘ड्रामा’
पूरे भारत में हो रहा है कृषि विधेयकों का विरोध
उल्लेखनीय है कि भारत के बहुत से हिस्सों में किसान इन कृषि विधेयकों के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी दिल्ली में जंतर-मंतर पर क्रमिक धरने पर बैठे थे। पंजाब में पहले से ही किसानों ने रेल रोको आंदोलन चला रखा है जिसके तहत छह नवंबर तक पटरी जाम कर रेलों को संचालन रोका जा रहा है। आंदोलन के चलते रेलवे ने पंजाब की ओर जाने वाली 44 ट्रेन रद्द कर दी हैं तथा 34 ट्रेन के रास्ते बदल दिए गए हैं।
प्याज की कीमतों ने छुआ आसमान, सरकार करेगी आयात
नए कृषि कानून किसानों को बना देंगे ‘मजदूर’
किसान संगठनों का मानना है कि मोदी सरकार के नए कानूनों के पारित होने के बाद किसान मजदूर बन कर रह जाएंगे। पहले हर व्यापारी केवल मंडी से ही फसल खरीद सकता था परन्तु अब वह मंडी से बाहर भी फसल खरीद सकेगा, इससे व्यापारियों में होने वाली प्रतिस्पर्धा और फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दोनों ही समाप्त हो जाएंगे और किसानों को अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ेगी।
इसके साथ ही सरकार द्वारा अनाज, दाल, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इनकी स्टॉक सीमा खत्म करने से भी किसानों के साथ-साथ आम जनता पर भी असर पड़ेगा। आने वाले समय में इनकी कालाबाजारी बढ़ेगी और जनता को अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी।