दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। किसानों के इस प्रदर्शन को अब तीन हफ्ते होने जा रहे हैं। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर सोमवार को किसान सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं। ये अनशन शाम 5 बजे तक जारी रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया, ये आज की रणनीति है, इसके बाद भी सरकार बात नहीं सुनती तो कल की रणनीति फिर तय करेंगे। जितने नेता भूख हड़ताल पर बैठे हैं वो शाम 5 बजे के बाद प्रेस वार्ता करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, जब तक कृषि कानून वापस नहीं होगा, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हमारे कुछ सवाल हैं सरकार हमसे बैठ कर बात करे। सरकार कर सकती है तो ठीक है, वरना हम तो धरने पर बैठे ही हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर करीब 15 किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। दरअसल नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र सरकार के संशोधनों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। साथ ही किसान संगठनों की मांग है कि सरकार से बातचीत तभी मुमकिन होगी, जब कृषि कानून रद्द होंगे।
रविवार को किसान संगठनों ने ऐलान किया था कि वो दिल्ली बॉर्डर पर सोमवार को दिनभर के लिए अनशन करेंगे। किसान नेताओ की तरफ से कहा गया कि देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में किसानों द्वारा धरने दिये जाएंगे, वहीं किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित सभी नाकों पर अनशन पर बैठेंगे।
इससे पहले किसानों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया था जिसका विभिन्न राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन किया था। किसान आंदोलन को राजनीतिक पार्टियों का समर्थन भी मिला हुआ है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और अन्य नेता भी भूख हड़ताल पर बैठे।