ऐसा कोई सेक्टर नहीं है जिसपर वैश्विक महामारी कोरोना का असर न पड़ा हो। खेती-किसानी भी इससे अछूता नहीं रहा। विशेषकर सब्जी और फल उत्पादक किसानों की मुसीबतें ज़्यादा बढ़ी। ऐसी परिस्थिति में केले की खेती कर रहे किसानों ने कमाई का दूसरा विकल्प चुना। लॉकडाउन के कारण केले के भाव में भारी गिरावट आई और स्थिति यहां तक पहुंच गई कि गिरे भाव के बावजूद भी खरीदार नहीं मिले। तब कर्नाटक के किसानों ने केले से आटा बनाकर इस समस्या का हल निकाला।
केले से आटा बनाकर किसानों ने बढ़ाई आय
कर्नाटक के तुमकुर की रहने वाली नयना आनंद ने आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र, अलाप्पुझा से संपर्क कर केले से आटा बनाने की विधि की जानकारी ली। उन्हें वॉयस नोट और मैसेज के माध्यम से आटा बनाने की पूरी प्रक्रिया बताई गई। इसके बाद एक सप्ताह के अंदर ही नयना ने केले के आटे के मीठे और नमकीन फ्लेवर तैयार कर दिए। उन्होंने अपने इस प्रयोग के बारे में उत्तर कन्नड़ जिले के किसानों के वहाट्सऐप ग्रुप ‘एनी टाइम वेज़ीटेबल’ में बताया। इसके बाद अन्य किसानों ने भी केले से आटा बनाने की विधि शुरू कर दी।
जानिए कैसे तैयार किया जाता है कच्चे केले का आटा
कच्चे केले का आटा बनाने के लिए कोई रॉकेट साइंस की ज़रूरत नहीं है। कच्चे केले से आटा बनाने की विधि बेहद आसान है। कम लागत और आसानी से उपलब्ध साधनों से ही आप केले का आटा बना सकते हैं। सबसे पहले कच्चे केले के छिलके हटा दें। फिर केले को एक चौथाई इंच के टुकड़ों में तिरछा काट लें। काटने के बाद इसे अच्छे से दो से तीन दिन के लिए धूप में सूखा दें। अच्छे से सूखने के बाद इसे मिक्सी में पीस लें और एक हवा बंद डिब्बे में स्टोर कर लें। इसे बनाने में न तो महंगे उपकरण की ज़रूरत होती है और न ही भारी निवेश की। यही कारण है कि कच्चे केले से आटा बनाने की विधि हाल के दौर में किसानों और गृहणियां के बीच काफी प्रचलन में है।
बाज़ार में कितनी है कच्चे केले से बने आटे की कीमत
इस आटे की खास बात ये है कि इसमें किसी तरह के प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जो इसे हमारी सेहत के लिए और फ़ायदेमंद बनाता है। केले के आटे में कम कैलोरी होती है। इसमें पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए और विटामिन सी प्रचुर मात्रा पाया जाता है। ये ग्लूटेन-फ़्री होता है, जो इसे बेहतरीन सेहतमंद विकल्प बनाता है। इसके स्वास्थ्यवर्धक फायदों को देखते हुए कच्चे केले की आटे की कीमत बाजार में 150 से 500 रुपये प्रतिकिलो है।
देश में केले का कितना उत्पादन
बता दें कि भारत दुनिया में केले का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, 8.4 लाख हेक्टेयर भूमि पर 297 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन होता है। दुनिया में केले के कुल उत्पादन में भारत की 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा केले की खेती होती है। ये राज्य देश के केले के उत्पादन में 70 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं।
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