केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब तथा हरियाणा के किसान आज दिल्ली में महाधरना देने जा रहे है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये सभी किसान अपने साथ कई दिनों का राशन जिसमें खाने-पीने के सामान, कपड़े तथा अन्य सभी आवश्यक वस्तुएं भी शामिल हैं, लेकर इकट्ठा होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि ये अपने साथ ट्रैक्टर भी ला रहे हैं जिनमें ये रात बिताएंगे अथवा अस्थायी कैंपों में ठहरेंगे।
दिल्ली पुलिस ने नहीं दी प्रदर्शन की अनुमति
किसानों के इस प्रस्तावित धरने को देखते हुए भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने भी आम जनता से दिल्ली बॉर्डर पर जाने से बचने की अपील की है। दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों की दिल्ली में प्रदर्शन करने संबंधी सभी मांगों को नकारते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अभी कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, ऐसी स्थिति में किसी भी तरह के प्रदर्शन को अनुमति नहीं दी जा सकती है।
दिल्ली मेट्रो की भी टाइमिंग बदली
ऐहतियात के तौर पर दिल्ली मेट्रो ने भी टाइमिंग में बदलाव किया है। दिल्ली से नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद तथा गुरुग्राम तक जाने वाली मेट्रो सेवाओं को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
हरियाणा सरकार ने की पंजाब सीमा सील
हरियाणा सरकार ने प्रस्तावित आंदोलन को देखते हुए पंजाब से लगती सीमा को दो दिनों के लिए सील कर दिया है। किसानों को एकत्रित होने से रोकने के लिए हरियाणा में कई स्थानों पर धारा 144 लगा दी गई है। साथ ही अगले दो दिनों के लिए पंजाब आने-जाने वाली बसों को स्थगित कर दिया गया है।
पंजाब सरकार ने बुलाई 12 कंपनियां
पंजाब में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सीआरपीएफ तथा आरएएफ की 12 कंपनियां बुलाई गई है। साथ ही 1200 दिल्ली पुलिसकर्मी भी दिल्ली सीमा पर स्थिति नियंत्रण बनाए रखेंगे। दिल्ली-चंड़ीगढ़ हाईवे भी किसान आंदोलन की वजह से बंद रहेगा।
इस पूरी स्थिति के दौरान किसान संगठनों ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा और इन कानूनों को रद्द करवाने के विरुद्ध हरसंभव प्रयास करने से पीछे नहीं हटेंगे।