किसान आंदोलन का असर: देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने से रविवार को इनकी कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई। खासतौर से आलू और सेब के दाम बढ़ गए हैं और कारोबारियों का कहना है कि आवक घटने के कारण इनकी कीमतों में आगे और इजाफा हो सकता है।
कारोबारियों ने बताया कि दिल्ली में इस समय नया आलू हिमाचल प्रदेश और पंजाब से आता है जबकि सेब जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से आता है, लेकिन किसान आंदोलन के चलते ट्रकों दिल्ली आने वाले मुख्यमार्ग पर धरना प्रदर्शन के चलते आवक बाधित हो गई है।
दिल्ली में जहां सेब का खुदरा भाव रविवार को रुपये 120 किलो से ऊपर चल रहा था, जबकि दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में सेब 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा था। इसी प्रकार आलू का भाव जहां 40 रुपये प्रति किलो चल रहा था वहां रविवार को 50 रुपये किलो आलू बिक रहा था। इसी प्रकार, अन्य शाक-सब्जियों के दाम में भी वृद्धि देखी गई।
किसान आंदोलन के कारण बीते दो दिनों से फलों और सब्जियों की आवक घट गई है, इसलिए कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन आगे और जारी रहा तो आलू और सेब के दाम में और इजाफा हो सकता है।
दिल्ली की आजादपुर मंडी रविवार को बंद रहती है, लेकिन शनिवार मंडी में आलू की आवक सिर्फ 783.5 टन थी, जबकि किसानों का प्रदर्शन शुरू होने से पहले मंगलवार को 1,700 टन से ज्यादा आलू की आवक दर्ज की गई थी। कोराबारियों ने किसानों के आंदोलन के कारण बताया कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से आने वाले फलों और सब्जियों की आवक पर असर पड़ा है।
आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन ने प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “किसी भी प्रदर्शन के दौरान दूध, फल, सब्जी जैसी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की आपूर्ति नहीं रोकी जाती है, लेकिन यहां इनकी आपूर्ति रोकी जा रही है।”