तीनों विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 26 नवम्बर से जारी ज़बरदस्त विरोध के तहत तय कार्यक्रम के मुताबिक अब 200 आन्दोलनकारी किसानों का जत्था दिल्ली के जन्तर-मन्तर पर पहुँच गया। इस दौरान पुलिस का भारी बन्दोबस्त रहा। किसान नेता संसद के मौजूदा सत्र के दौरान 22 जुलाई से लेकर 9 अगस्त तक जन्तर-मन्तर पर अपनी समानान्तर संसद लगाएँगे और सरकार के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 9 अगस्त तक रोज़ाना 200 किसानों को प्रदर्शन की विशेष अनुमति दे दी है।
गिनती के लिए रोके गये किसान
दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया है कि 200 किसानों का समूह रोज़ाना 4 बसों में पुलिस सुरक्षा के बीच दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बार्डर से जन्तर-मन्तर आएगा और वहाँ सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा। इससे पहले किसानों को लेकर आ रही बसों को दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया।
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दिल्ली पुलिस किसानों को अन्य मार्ग इस्तेमाल करने को कह रही थी, जबकि किसानों जीटी-करनाल रोड से ही जाने की बात कर रहे हैं। रास्ते में पुलिस बसों में मौजूद किसानों को गिनना चाह रही थी। इस मुद्दे पर किसानों का पुलिस से टकराव हो गया। गिनती के लिए पुलिस सभी किसानों को एक रिजॉर्ट्स में लेकर गयी थी।
किसानों को कोविड एहतियात बरतने का निर्देश
दिल्ली पुलिस ने बताया कि जन्तर-मन्तर पहुँचने वाले हरे किसान आन्दोलनकारी के पास संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी पहचान पत्र होगा। इसे चेक करके ही उन्हें वहाँ जाने दिया जाएगा। पुलिस ने जन्तर-मन्तर पर अर्धसैनिक बलों की 5 कम्पनियाँ तैनात की हैं और दिल्ली में हाई अलर्ट लागू किया है। उपराज्यपाल की ओर से जारी आदेश में किसानों से कोविड एहतियात बरतने और तय बसों का ही इस्तेमाल करने को कहा गया है। फ़िलहाल, कोरोना की वजह से दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन के लिए लोगों के जुटने की मनाही है।
शान्तिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन का भरोसा
20 जुलाई को दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच सहमति बन गयी कि 200 किसान जन्तर-मन्तर पर शान्तिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करेंगे और कोई भी संसद की ओर नहीं जाएगा। समानान्तर संसद के बारे में एक किसान नेता ने बताया कि इसके लिए रोज़ाना एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर चुना जाएगा। इसमें दो दिनों तक एपीएमसी अधिनियम पर चर्चा होगी। बाद में अन्य विधेयकों पर भी दो दिवसीय चर्चाएँ होंगी।