उत्तराखंड के हरिद्वार में 18 से 20 अक्टूबर तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल (International Mushroom Festival) का आगाज़ हो चुका है। इस फेस्टिवल के पहले दिन कई किसान पहुंचे। किसानों को इस कार्यक्रम में मशरूम की खेती से जुड़ी सभी बारीकियों से लेकर मशरूम की उन्नत किस्मों और तकनीकों में बारे में बताया जा रहा है।
किसान ऑफ़ इंडिया की टीम International Mushroom Festival में पहुंची हुई है। हमने फेस्टिवल में पहुंचे किसानों से बात की।
पारंपरिक फसलों की तुलना में मशरूम की खेती से फ़ायदा
हरिद्वार के ही रहने वाले किसान जोगिंदर सिंह ने बताया कि वो अभी फिलहाल गन्ने और धान की खेती करते हैं, लेकिन मशरूम की खेती में फ़ायदे और मुनाफ़े को देखते हुए उनका रुझान मशरूम की फसल की तरफ़ हुआ है। इसलिए वो इस अंतरराष्ट्रीय मशरूम फेस्टिवल में पहुंचे हैं। किसान जोगिंदर सिंह कहते हैं कि अन्य फसलों की तुलना में मशरूम की खेती में लागत कम आती है और यही सबसे बड़ी वजह है कि किसानों का रुझान इस फसल की ओर लगातार बढ़ रहा है।
बड़ी संख्या में पहुंच रहे किसान
वहीं हरिद्वार के बिन्दु खड़क गाँव के ग्राम प्रधान शिव कुमार कई किसानों को लेकर इस आयोजन में पहुंचे हैं। उद्योग विभाग ने उन्हें इस आयोजन की जानकारी दी थी। शिव कुमार बताते हैं कि जिला उद्यान अधिकारी नरेंद्र यादव और संजय श्रीवास्तव ने उन्हें बताया था कि इस आयोजन में मशरूम की खेती से जुड़ी सभी जानकारियां मिलेंगी, जिससे किसानों की आमदनी में इज़ाफ़ा किया जा सकता है।
पहाड़ी क्षेत्र में मशरूम की अच्छी पैदावार संभव
शिव कुमार कहते हैं कि पहाड़ों की जलवायु मशरूम की खेती के लिए एकदम अनुकूल है। हरिद्वार में सामान्य 22 से 25 डिग्री तक का तापमान रहता है और मशरूम की पैदावार के लिए यही सही तापमान होता है। इस तरह से तापमान के हिसाब से लागत में कमी आती है। वरना गरम क्षेत्रों में तापमान को सही बनाए रखने के लिए एसी के खर्च में ही पैसा चला जाता है। शिव कुमार कहते हैं कि सरकार लगातार मार्केटिंग के लिए भी प्रयास कर रही है। किसान की उपज को सही बाज़ार मिले उस दिशा में सरकार काम कर रही है।
मशरूम उत्पादन में सातवें नंबर पर उत्तराखंड
शिव कुमार ने कहा कि मशरूम की खेती को बढ़ावा मिलने से किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी फ़ायदा होगा। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी और मशरूम उत्पादन में उत्तराखंड राज्य नंबर एक पर पहुंचेगा। बता दें कि देश में मशरूम के उत्पादन में उत्तराखंड सातवें नंबर पर आता है।
सरकार का कहना है कि इस तरह के आयोजन राज्य को मशरूम के उत्पादन में नंबर एक बनाने में मददगार हो सकते हैं। इससे मशरूम की उपज में बढ़ोतरी तो होगी ही, साथ ही किसानों की आय में भी इज़ाफ़ा होगा।
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। शिव कुमार ने बताया कि उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार जिस तरह किसानों के लिए नई-नई योजनाएं लेकर आई हैं, उससे किसानों की आय में इज़ाफ़ा होने की पूरी उम्मीद है। किसानों की उनके उत्पाद की सही कीमत मिले तो निश्चित ही उनकी आय दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है।
देखिए किसानों के साथ हुई बातचीत का पूरा वीडियो: