केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, रेलवे तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय खाद्य निगम के 57वें स्थापना दिवस के अवसर पर 14 जनवरी, 2021 को मैसूरू में निगम के प्रखंड कार्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया।
गोयल ने इस अवसर पर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और कामगारों को फेसबुक लाइव के माध्यम से संबोधित भी किया। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान उत्पन्न दिक्कतों से निपटने के लिए देश के 80 करोड़ लोगों कोखाद्यान्न की आपूर्ति करने और सरकार द्वारा किये जा रहे कल्याणकारी उपायों की जरूरतमंदों तक पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारतीय खाद्य निगम की प्रशंसा की। उन्होंने एफसीआई की इस बात के लिए भी प्रशंसा की कि उसने इस समय गेहूं और धान की अब तक की सबसे ज्यादा खरीद की। इसके अलावा गोयल ने कहा कि यह संगठन सिर्फ एक सरकारी प्रतिष्ठान ही नहीं है, बल्कि देश और खासतौर से किसानों के हित के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध संगठन है।
पीयूष गोयल ने अपने संबोधन में बताया कि निगम ने महामारी काल में 140 लाख मीट्रिक टन धान और 390 लाख मीट्रिक टन गेंहू के अलावा करीब 305 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त खाद्यान्न प्रधानमंत्री करीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत नि:शुल्क वितरित किया। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि जब एक तीसरे पक्ष ने पीएमजीकेएवाई का ऑडिट किया तो संतुष्टि का स्तर 94 प्रतिशत पाया गया। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के हर व्यक्ति तक अनाज और सभी अनिवार्य वस्तुएं पहुंचाई गईं, जो अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
गोयल ने इस बात को भी रेखांकित किया कि खरीद केंद्रों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि किये जाने से किसानों को अपने उत्पादों को प्रभावी तौर पर और सहज ढंग से बेचने में मदद मिली। इससे पहले, किसानों को मंडियों तक पहुंचने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती थी, लेकिन इस बार इस दूरी को काफी हद तक कम किया जा सका। इससे किसानों की उत्पादकता में वृद्धि हुई और उनके समय और प्रयासों की बचत हुई।
गोयल ने खरीद की प्रक्रिया में एफसीआई की भूमिका के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि किसानों की भलाई के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रक्रिया को और मजबूत बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, उन्हें अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और साथ ही साथ उन्हें एमएसपी के जरिये उनके उत्पादों की पर्याप्त खरीद किये जाने का भरोसा भी दिला रहा है। आने वाले कई सालों और दशकों तक एफसीआई किसानों के हित में काम करता रहेगा। उन्होंने कहा कि एफसीआई किसानों की सहायता के लिए इस प्रक्रिया को और अधिक आसान तथा सहज बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। पीयूष गोयल ने कहा कि 2020-21 के रबी बिक्री सीजन के दौरान गेहूं की खरीद से 40 से 45 लाख किसानों को फायदा हुआ है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एफसीआई पूरी पारदर्शिता से और सक्रिय दृष्टिकोण के साथ देश के किसानों और उपभोक्ता के बीच सेतु का काम करता रहेगा। उन्होंने एफसीआई को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया कि वह अंतर्राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाकर भविष्य में देश के किसानों, उपभोक्ताओं तथा अन्य हितधारकों खासतौर से हाशिये पर रहने वाली आबादी के लिएपूरी दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ देश की सेवा करने के लिए तैयार रहे। गोयल ने कहा कि नये भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नई प्रौद्योगिकी और नई पहलों को अपनाया जाना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इस संगठन को विवेकाधीन शक्तियों से मुक्त करने से, पारदर्शी तरीके से समाज के लिए काम करने सेऔर गुणवत्तापूर्ण उत्पादों पर ध्यान देने से एफसीआई की पहचान बनेगी तथा किसानों तथा अन्य हितधारकों के लिए इसकी सेवा ले पाना अधिक सहज हो जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी भरोसा जताया कि एफसीआई देश की सेवा के अपने कार्य में उच्चतम मानकों का पालन करेगा। उन्होंने कहा कि एफसीआई के परिवर्तनकारी सुधारों से किसानों के लिए यह प्रक्रिया बहुत सरल और सुगम बन जाएगी तथा इससे उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में पूरे राष्ट्र को देश में मनाए जाए रहे उत्सवों के लिए शुभकामनाएं दीं।