पूसा कृषि विज्ञान मेला 2023 | दिल्ली में 2 से 4 मार्च तक पूसा कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया गया। मेले का उद्घाटन क्रेंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। मेले में देश के अलग-अलग कोनों से किसान पहुंचे। साथ ही इस बार पूसा मेले की थीम ‘श्री अन्न द्वारा पोषण, खाद्य एवं पर्यावरण सुरक्षा’ रखी गई। मिलेट्स के उत्पादों की मेले में धूम रही। इससे जुड़े उत्पाद मेले में देखने को मिले।
200 से ऊपर स्टॉलस लगे
मेले में करीबन 200 से ऊपर स्टॉलस लगेI ICAR के कई विभागों और कृषि विज्ञान केंद्र के स्टॉलस लगे। साथ ही किसानों और खेती-किसानी से जुड़े कारोबारियों के भी स्टॉलस देखने को मिले। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा की ओर से आयोजित इस मेले में खेती की आधुनिक तकनीकों पर ख़ासा ज़ोर दिया गया।
मेले में लगी प्रदर्शनियां मेले के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहीं। किसानों को ‘स्मार्ट कृषि/संरक्षित खेती’, ‘जलवायु तन्यक एवं संपोषक कृषि’, ‘कृषि विपणन और निर्यात’, ‘किसानों के नवाचार’, ‘किसान उत्पादक संगठन’ जैसे कई विषयों पर कृषि की नई-नई तकनीक के बारे में जानकारी दी गई।
‘श्री अन्न’ यानि मिलेट्स की खेती पर दिया ज़ोर
मेले के पहले दिन तकनिकी सत्र ‘अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष–2023 के अंतर्गत श्री अन्न आधारित मूल्य शृंखला का विकास’ का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एस पी सिंह, डॉ. शालिनी गौड और भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. राजेन्द्र चापके ने ‘श्री अन्न’ की सस्य प्रणाली, रोग प्रबंधन एवं मूल्य वर्धन विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।
किसानों को किया सम्मानित
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान किसानों के नवाचारों यानि इनोवेशन को हमेशा से महत्व देता है और उन्हें सम्मानित भी करता है। मेले के पहले दिन कृषि मंत्री ने प्रगतिशील किसान भगवान दास को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया। साथ ही 5 किसानों बिहार से शिव प्रसाद साहनी, हरियाणा से विकास चौधरी, मध्य प्रदेश से अश्विनी सिंह चौहान, राजस्थान से सुरेंद्र अवाना और उत्तर प्रदेश से बंश गोपाल सिंह को वर्ष 2023 के लिए IARI Fellow Farmer के अवॉर्ड से सम्मानित किया।
वैज्ञानिकों ने दी खेती से जुड़े कई विषयों पर जानकारी
मेले के दूसरे दिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक डॉ. एस. के चौधरी की अध्यक्षता में ‘प्रिसिजन फ़ार्मिंग के लिए नवोन्मेषी प्रोद्योगिकियाँ विषय पर आधारित सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में शिवाश्रित प्रधान (ईएसडीएस सॉफ्टवेयर) ने ‘डिजिटल कृषि’ पर किसानों को जानकारी दी। दूसरा सत्र ‘जलवायु तन्यक एवं संपोषक कृषि’ विषय पर रहा। इसकी अध्यक्षता भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के नि देशकडॉ. ए. के. सिंह ने की। इस सत्र में जल प्रोद्योगिकी केंद्र के परियोजना निदेशक, डॉ. पी. ब्रहमानन्द, ने ‘जल संरक्षण एवं सिचाई की उन्नत तकनीकें’ विषय पर जानकारी दी। डॉ. आरती भाटिया, प्रधान वैज्ञानिक, पर्यावरण विज्ञान संभाग ने ‘नत्रजन का प्रभावी उपयोग एवं प्रदूषण प्रबंधन’ पर विवरण साझा किया। पुआल के उचित प्रबंधन हेतु सूक्ष्मजीव संभाग के अध्यक्ष डॉ. सुनील पब्बी ने पूसा डीकंपोजर तकनीक के बारे में जानकारी दी।
डॉ. टी.के. पुरकायस्थ, प्रधान वैज्ञानिक, मृदा विज्ञान और कृषि रसायन संभाग ने ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधारित मृदा पोषण प्रबंधन’ पर ज्ञान साझा किया। डॉ. दिनेश कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान संभाग द्वारा ‘संपोषक कृषि की तकनीकें’ विषय पर जानकारी दी। डॉ. के.के. सिंह, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने ‘जलवायु मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवा’ के बारे में बताया। पदमश्री डॉ. वीपी सिंह, सेवानिवृत्त प्रमुख (आनुवांशिकी विभाग), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। डॉ. राज कुमार गुप्ता (पूर्व में CIMMYT और बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया) ने संसाधन-संरक्षण प्रौद्योगिकियों के प्रसार के बारे में जानकारी दी।
दिन का तीसरा सत्र कृषि विपणन और निर्यात पर आधारित रहा। इसकी अध्यक्षता एपीडा के निदेशक डॉ. तरुण बजाज ने की। नदीम सिद्दीकी, विपिन गुप्ता (चेयरमेन, अलका मिल्क फूड्स), पद्मश्री अवार्डी किसान सुल्तान सिंह (सुल्तान मछली बीज फार्म) ने मिलेट्स के निर्यात की संभावनाएं, आम का निर्यात, डेयरी उत्पादों का निर्यात और मछली व्यवसाय और उसके निर्यात के अवसरों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी साझा की। पूसा किसान मेले में किसानों के मनोरंजन के लिए प्रसार भारती की ओर से लोक संगीत का भी आयोजन किया गया।
कई उन्नत किस्मों के बीजों का वितरण
किसान मेले में बासमती चावल की झुलसा एवं झोंका रोग रोधी किस्में पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1886 और पूसा बासमती 1885 बीजों के साथ अन्न बीजों का भी वितरण किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य नवीन उन्नत किस्मों को किसानों तक पहुंचाना रहा।
किसान मेले के तीसरे और अन्तिम दिन दोपहर 2 बजे मेले का समापन समारोह शुरू हुआ। इसके मुख्य अतिथि राज्य कृषि मंत्री कैलाश चौधरी रहे। पूसा कृषि विज्ञान मेला 2023 में कुल 48 किसानों को Innovative Farmer Award से सम्मानित किया गया। पूसा कृषि विज्ञान मेला-2023 के पुरस्कार विजेताओं ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए नवीन विचारों और प्रौद्योगिकियों के बारे में अपने अनुभव भी साझा किए।
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