बिहार में किसानों के लिए खुशख़बरी: कोरोना की मौजूदा आफ़त के बीच बिहार के किसानों के लिए राहत की ख़बर है। बिहार सरकार के कृषि विभाग ने राज्य के छोटे किसानों के घर तक खरीफ की कई फसलों के लिए रियायती दाम पर बीज पहुँचाने की ऑनलाइन योजना बनायी है।
ताकि बीजों के खरीदारी की वजह से ‘कोरोना सम्बन्धी सामाजिक दूरी’ के नियमों में कोई कोताही नहीं हो, किसान सही वक़्त पर बुआई कर सकें और कोरोना लॉकडाउन या कर्फ़्यू की वजह से खेती-किसानी के कामकाज पर कम से कम असर पड़े।
होम डिलीवरी में शामिल चार योजनाएँ
रियायती दाम पर बीजों की होम डिलीवरी पाने के इच्छुक किसानों को (i) सीएम सीड क्रैश प्रोग्राम के तहत धान और अरहर, (ii) इंटीग्रेटेड सीड विलेज़ प्रोग्राम के तहत धान, अरहर और मड़ुआ, (iii) सर्टिफाइड सीड डिस्ट्रीबूशन ऑन सब्सिडी योजना के तहत धान, उड़द और तिल तथा (iv) मिनी किट योजना के तहत धान, मड़ुआ और सोयाबिन की बीज उपबल्ध करवाये जाएँगे। किसानों के बीजों के बाज़ार भाव पर ऑनलाइन आवेदन करने वाले किसानों को अलग-अलग बीजों पर 50 से लेकर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाएगी।
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30 अप्रैल तक करें आवेदन
बीजों की होम डिलीवरी योजना के लाभार्थी किसानों को 30 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन आवेदक किसानों को अलग-अलग बीजों पर उनके बाज़ार भाव के मुकाबले 50 से लेकर 90 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जाएगी। इस योजना का लाभ सभी ज़िलों और प्रखंडों के किसान उठा सकते हैं। लेकिन लाभार्थी किसानों के लिए कुछ नियम-शर्त भी हैं।
होम डिलीवरी की शर्तें
- योजना के लाभार्थी किसान होम डिलीवरी वाले बीजों का इस्तेमाल खेती के अलावा अन्य काम में नहीं करेंगे
- किसान फसल के अवशेष को नहीं जलाएँगें
- होम डिलीवरी से मँगवाये गये बीजों का उठान नहीं करने किसानों को कृषि विभाग की अन्य योजनाओं के लाभ से अगले तीन वर्षों तक वंचित रहना होगा
- लाभार्थी किसान को सिर्फ़ 2.5 एकड़ के खेत के हिसाब से बीज भेजा जाएगा
- होम डिलीवरी के लिए बीज के वजन पर प्रति किलोग्राम 5 रुपये का भाड़ा भी चुकाना होगा
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कैसे करें ऑनलाइन आवेदन?
रियायती दाम पर बीजों की होम डिलीवरी पाने के इच्छुक किसानों को बिहार सरकार के ऑनलाइन पोर्टल http://brbn.bihar.gov.in/Farmer/Index.aspx पर आवेदन करना होगा। इसके बाद किसान के रिजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर ओटीपी आएगा। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद कृषि विभाग की ओर से किसानों के घरों तक बीजों की सप्लाई की जाएगी।