कई बार कृषि और बागवानी में रुचि रखने वाले लोग जमीन के अभाव में खेती नहीं कर पाते। ऐसे लोगों को मायूस होने की जरूरत नहीं। केंद्र सरकार के निर्देश पर कई राज्य सरकारों ने बंजर भूमि (Barren land) को अब लीज पर देने का फैसला किया है। कोई भी व्यक्ति, समूह, कंपनी या संगठन बेहद सस्ते दामों पर सरकारी जमीन लेकर खेती कर सकेगा।
सरकार के इस फैसले से देश में फलों और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके जरिये किसानों की आय दोगुनी करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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गुजरात (Gujrat) इस कानून को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसके अलावा यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमाचल और असम सरकार भी इस कानून को लागू करेंगी।
30 वर्षों के लिए पट्टे पर मिलेगी जमीन
भूमि लेने के लिए एक मामूली वार्षिक लीज रेंट और एक सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा। जमीन लीज पर लेने वाले व्यक्ति इसे उपजाऊ बनाएंगे। पहले 5 साल तक उनसे कोई किराया नहीं लिया जाएगा। बागवानी विकास मिशन के तहत 30 वर्षों के लिए पट्टे पर जमीन दी जाएगी। गैर-किसान भी लीज (Lease) पर जमीन ले सकेंगे। जमीन को लीज पर देने का निर्णय एक हाईपावर कमेटी और कलेक्टर मिलकर करेंगे।
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बंजर जमीनों का सर्वे शुरू
देश में गैर उपजाऊ जमीनों के सर्वे का काम शुरू हो गया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने इस संबंध में बैठक की। इसमें राज्य सरकारों को ऐसी जमीन की पहचान कर इसकी जानकारी एक पोर्टल पर डालने का निर्देश दिया गया।
रेलवे के पास इस समय लाखों हेक्टेयर परती जमीन है, जिस पर वर्षों से खेती नहीं हुई है। उसने भी ऐसी जमीन की पहचान करना शुरू कर दिया है।