सरकार का एक एक्सपर्ट पैनल 27 कीटनाशकों के प्रतिबंध लगाने के प्रोपोजल की समीक्षा करेगा। इसे आसीएआर के पूर्व असिस्टेंट डायरेक्टर टीपी राजेंद्रन लीड करेंगे। ये अपनी रिपोर्ट तीन महीने में सरकार के समक्ष पेश करेंगे। इस रिपोर्ट के आने के बाद ही सरकार निर्णय लेगी कि इन कीट नाशकों पर प्रतिबंध लगाना है या नहीं।
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बता दें कि ये प्रतिबंध उन 66 कीटनाशकों पर लगे बैन का हिस्सा है, जिनकी टॉक्सिटी ( विषात्ता) की समीक्षा की जा रही है। इनमें से सरकार ने साल 2018 में 18 को बैन कर दिया था। मई 2020 में सरकार ने कहा था कि अब वह इन 27 कीटनाशकों पर भी प्रतिबंध लगायेगी। कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाये जाने के प्रस्ताव को लेकर सरकार ने कंपनियों को 45 दिन का समय दिया था। हालांकि बाद में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के हस्तक्षेप के बाद इसकी समय सीमा 90 दिन बढ़ा दी गयी थी। लेकिन यह मामला 90 दिनों तक पेंडिंग ही रहा। अब रिव्यू कमेटी ही कीटनाशकों पर लगे प्रतिबंधों के फैसले की समीक्षा करेगी।
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सरकार ने कीटनाशकों का निर्माण करने वाली कंपनियों से एक प्रूफ या स्टडी की मांग की है, जिससे ये साबित हो सके कि ये कीटनाशक सुरक्षित हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि कंपनियों ने वैज्ञानिक प्रमाण देकर 23 कीटनाशकों पर लगनेवाले वैन का मजबूती से बचाव किया है। वहीं कीटनाशक निर्माताओं को यह डर सता रहा है कि इस बैन से एक्सपोर्ट मार्केट को चाइनीज कंपनियों को हैंड ओवर करने की तैयारी चल रही है, जो सीधे भारतीय कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे।
क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ सलाहकार हरीश मेहता बताते हैं कि चार कीटनाशकों मिथाइल, ब्यूटाक्लोर, डायकोफोल और डिनोकैप पर लगे प्रतिबंध को लेकर बहुत आपत्ति नहीं है। लेकिन बाकी 23 कीटनाशकों पर लगे बैन का विरोध करते हैं । उन्होंने कहा कि 27 कीटनाशकों में 12 कीटनाशक, आठ फंगीशाइड और सात अन्य हैं। बता दें कि इन 27 कीटनाशकों का काफी उपयोग होता है। अभी हाल ही में इनमें से कुछ का उपयोग टिड्डियों को मारने के लिए किया गया था।