गुजरात कच्छ ज़िले के भेरिया गाँव की रहने वाली अरूणाबेन परासिया, उमिया महिला मंडल स्वयं सहायता समूह की अगुवाई करती हैं। उनके गाँव के ज़्यादातर किसानों की आजीविका खेती से जुड़े कार्यों पर निर्भर है। 90 फ़ीसदी से ज़्यादा छोटे किसान हैं। इन किसानों के पास खेती लायक ज़्यादा ज़मीन नहीं है। इसलिए छोटे स्तर पर घर का खर्चा चलाना पड़ता है। गाँव की महिलाएं शिक्षित नहीं हैं। उनके पास खेतिहर मज़दूरी के अलावा और कोई काम का विकल्प नहीं है। अरूणाबेन अपने गाँव के किसानों की इन परिस्थितियों से अच्छे से वाकिफ थीं।
14 महिला सदस्यीय स्वयं सहायता समूह का किया गठन
2011 में अरूणाबेन कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के संपर्क में आईं। यहां वो एक प्रौद्योगिकी सप्ताह समारोह (Technology Week Celebration) में पहुंची थीं। यहां उन्होंने KVK के अधिकारियों से एक स्वयं सहायता समूह बनाने की अपनी इच्छा व्यक्त की। इसपर संज्ञान लेते हुए KVK ने श्री विवेकानंद अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (VRTI) और श्री विवेकानंद ग्राम उद्योग सोसाइटी (VGS) के सहयोग से 14 महिला सदस्यीय एक स्वयं सहायता समूह का गठन किया। SHG का नाम ‘श्री उमिया महिला मंडल’ रखा गया और आत्मा में इसका पंजीकरण कराया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के साथ मिलकर VRTI और ज़िले का आत्मा कार्यालय, समूह को पूरा सहयोग देता है।
महिलाओं ने ली प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सब्जियों और फलों के मूल्यवर्धन (Value Addtion) और फ़ूड प्रोसेसिंग (Food Processing) की ट्रेनिंग दी गई। साथ ही वॉशिंग पाउडर, साबुन, हाथ के दस्ताने, मास्क बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया।
मुंद्रा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र, VRTI, और VGS से ट्रेनिंग लेने के बाद समूह ने विभिन्न उत्पादों को तैयार करना शुरू कर दिया। 2010-11 में समूह ने आम के अचार बनाने से अपने व्यवसाय की शुरुआत की। समूह ने 180 किलो अचार करीबन 16 हज़ार रुपये में स्थानीय बाज़ार में बेचा। आम के अचार को मिलती प्रशंसा से महिलाओं का हौसला बढ़ा। फिर वॉशिंग पाउडर बनाना शुरू किया। इससे 48 हज़ार रुपये की आमदनी हुई।
अशिक्षित महिलाओं को मिला आमदनी का ज़रिया
ये समूह प्रयोगशालाओं और कारखानों में काम करने वाले लोगों के लिए हाथ के दस्ताने और मास्क तैयार किए। इसके अलावा, कोरोना को देखते हुए मेडिकल मास्क और दस्ताने भी बनाए। इससे हर एक महिला की प्रति माह औसत कमाई करीबन 2500 रुपये हुई। ‘श्री उमिया महिला मंडल’ स्वयं सहायता समूह की सफलता को देखते हुए गाँव की अन्य महिलाओं द्वारा तीन और एसएचजी ( SHGs ) का गठन किया गया है।
देशभर में 70 लाख स्वयं सहायता समूह
स्वयं सहायता समूह में 10 से 20 महिलाएं स्वयं अपने निर्णय से समूह बनाती हैं। इससे स्वरोजगार की ओर अग्रसर होती हैं। आज देशभर में 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी राष्ट्रीय मंच से कोरोना काल में अपनी सराहनीय सेवाओं के लिए महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की सराहना कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कृषि और कृषि आधारित उद्योगों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के लिए अनंत संभावनाएं हैं।
पिछले साल ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा की थी कि स्वयं सहायता समूहों को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने की सीमा को दोगुना करते हुए 20 लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बचत खातों को ऋण खाते से जोड़ने की शर्त को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आज बदलते भारत में देश की बहनों-बेटियों के लिए अवसर बढ़ रहे हैं, और उनसे देश आगे बढ़ रहा है।
ये भी पढ़ें: पूजा शर्मा के एग्री-बिज़नेस आइडिया ने उन्हें दिलाई सफलता, राष्ट्रपति द्वारा ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
ये भी पढ़ें:
- बिहार के धीरेन्द्र कुमार ने मखाने की खेती से पाई सफलता, जानिए उनकी कहानीधीरेन्द्र कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मखाने की खेती अपनाकर कृषि में नवाचार किया और स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
- संरक्षित खेती के क्षेत्र में एक नई पहल करने वाले हेमंत धाकड़ की कहानीहेमंत धाकड़ ने मध्य प्रदेश के खाचरोद गांव में संरक्षित खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की और स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा बने।
- प्रगतिशील किसान गुरप्रीत सिंह शेरगिल बने खेती और खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार की मिसालगुरप्रीत सिंह शेरगिल ने खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार कर ‘शेरगिल फार्म फ्रेश’ ब्रांड शुरू किया, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है।
- दिव्यांग किसान गेनाभाई दरघाभाई पटेल ने अनार की खेती में तकनीक और नवाचार अपनायागेनाभाई दरघाभाई पटेल ने अनार की खेती में तकनीक अपनाकर न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि अपने समुदाय की आर्थिक स्थिति भी मजबूत की।
- कैसे सुरेंद्र अवाना ने खड़ा किया डेयरी फार्मिंग का आधुनिक मॉडल? योजनाओं का लिया लाभराजस्थान के सुरेंद्र अवाना ने डेयरी फार्मिंग का आधुनिक मॉडल अपनाकर देसी गौवंश की महत्ता बढ़ाई और किसानों को प्रेरित किया।
- लेमन मैन आनंद मिश्रा ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर नींबू की बागवानी में बनाई नई पहचानआनंद मिश्रा ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर नींबू की बागवानी में सफलता हासिल की। उनकी प्रेरणादायक कहानी किसानों को बागवानी के जरिए आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाती है।
- फूलों की खेती में संरक्षित खेती के जरिए नई ऊंचाइयां छूते, राजाराम विट्ठल चौधरी की प्रेरणादायक कहानीराजाराम विट्ठल चौधरी ने संरक्षित खेती और नई तकनीकों से फूलों की खेती में सफलता हासिल की। उनकी मेहनत और नवाचार ने छोटे किसानों को भी उन्नत कृषि की दिशा दिखाई।
- नवाचार के जरिए जैविक खेती से सफलता की ओर बढ़ते किसान, जितेंद्र कुमार सिंह की प्रेरणादायक यात्राजितेंद्र कुमार सिंह ने जैविक खेती और नई तकनीकों से कृषि में नवाचार किया, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई और अन्य किसानों को उन्नत कृषि की प्रेरणा मिली।
- जानिए कैसे शहद उत्पादन में पंजाब के नरपिंदर सिंह ने क्रीमी शहद का मार्केट खड़ा कियापंजाब के नरपिंदर सिंह ने नवाचारी सोच से क्रीमी शहद को नया आयाम दिया, शहद उत्पादन बढ़ाया और उपभोक्ताओं में विश्वास जगाया।
- कृष्ण कुमार यादव ने जैविक खाद के जरिए नई तकनीक से खेती को दी नई दिशागुरुग्राम के पाटौदी गांव के कृषक कृष्ण कुमार यादव ने जैविक खाद और वर्मीकम्पोस्ट से आय बढ़ाई, पर्यावरण संग खेती को नई दिशा दी।
- जैविक खेती कर रहे हैं महाराष्ट्र के किसान नितिन चंद्रकांत गायकवाड, जानिए उनकी सफलता की कहानीमहाराष्ट्र के नितिन चंद्रकांत गायकवाड द्वारा अपनाई गई जैविक खेती, जो किसानों को रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक तरीकों से खेती करने की प्रेरणा देती है।
- कृषि में नई तकनीक से क्रांति ला रहे हैं किसान प्रीतम सिंह, जानिए उनकी कहानीप्रीतम सिंह, हरियाणा के पानीपत जिले के निवासी, ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर अपनी खेती की उत्पादकता बढ़ाई और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया।
- जैविक खेती में अग्रणी किसान जयकरण का सफर और खेती में किए गए बदलावहरियाणा के जयकरण जैविक खेती के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम हैं, जो यूट्यूब चैनल के जरिए किसानों को जैविक खेती की तकनीकों से प्रेरित कर रहे हैं।
- कृषि में आधुनिक तकनीक से मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने उन्नति की राह बनाईमनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
- Global Soils Conference 2024: ग्लोबल सॉयल्स कॉन्फ्रेंस 2024 का आगाज़ मृदा सुरक्षा संरक्षण पर होगा मंथनGlobal Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
- जल संरक्षण के साथ अनार की खेती कर संतोष देवी ने कायम की मिसाल, योजनाओं का लिया लाभसंतोष देवी ने जल संरक्षण के साथ अनार की खेती के तहत ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से 80% पानी की बचत करते हुए उत्पादन लागत को 30% तक कम किया।
- रोहित चौहान की कहानी: युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय का भविष्यरोहित चौहान का डेयरी फ़ार्म युवाओं के बीच डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है। रोहित ने कुछ गायों और भैंसों से छोटे स्तर पर डेयरी फ़ार्मिंग की शुरुआत की थी।
- जैविक खेती के जरिए संजीव कुमार ने सफलता की नई राह बनाई, जानिए उनकी कहानीसंजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
- जैविक तरीके से रंगीन चावलों की खेती में किसान विजय गिरी की महारत, उपलब्ध कराते हैं बीजबिहार के विजय गिरी अपने क्षेत्र में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वो 6-10 एकड़ भूमि पर धान, मैजिक चावल, रंगीन चावलों की खेती करते हैं।
- रोहन सिंह पटेल ने वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय शुरू किया, क्या रहा शुरुआती निवेश और चुनौतियां?रोहन सिंह पटेल ने दो साल पहले वर्मीकम्पोस्टिंग व्यवसाय का काम शुरू किया, जिसमें उन्होंने जैविक खाद बनाने की तकनीक को अपनाया।