हर साल की तरह इस साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day 2022) के रूप में मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य हमारे समाज में महिलाओं को सशक्त करना और उनकी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने और अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है। आज के वक़्त में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं। एक ऐसी ही महिला की कहानी हम आपके लिए इस लेख में लेकर आए हैं, जो खेती-किसानी के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं। उनका नाम है वीणा भारती। हिमाचल प्रदेश की रहने वाली वीणा भारती ने खेती का एकीकृत कृषि मॉडल अपनाया हुआ है।
अब किसान सिर्फ़ खेती पर निर्भर न होकर कृषि से संबंधित अन्य गतिविधियों को भी अपना रहे हैं। पशुपालन, बागवानी, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन आदि जैसे सब सेक्टर्स अपना रहे हैं। ये सब क्षेत्र आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं और किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक हैं। कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों में शामिल होने को ही एकीकृत कृषि प्रणाली (Integrated Farming System) कहा जाता है। International Women’s Day 2022 पर आइए आपको बताते हैं वीणा भारती की कहानी।
एकीकृत कृषि प्रणाली से मिली सफलता
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले की रहने वाली वीणा भारती एक प्रगतिशील महिला किसान हैं। वह सिर्फ़ दसवीं पास हैं और हमेशा नई तकनीकों और विचारों को अपनाने के लिए उत्सुक रहती हैं। पहले वह पारंपरिक रूप से सिर्फ़ गेहूं, मक्का और स्थानीय दालों की ही खेती किया करती थीं, लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र और अन्य एजेंसियों के संपर्क में आने के बाद उन्होंने एकीकृत कृषि प्रणाली के सभी प्रमुख तत्वों जैसे खेती, बागवानी, पशुपालन आदि को अपनाया। कृषि में इस विविधता से उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई। अब तो वह अन्य महिला किसानों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनके पास 2.80 हेक्टेयर भूमि हैं, जिसमें 1.3 हेक्टेयर में वह फल उगाती हैं और बाकी 1.5 हेक्टेयर पर सब्जियों की खेती करती हैं। वीणा भारती ने 50 प्रतिशत भूमि क्षेत्र के लिए पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिस्टम से सिंचाई की व्यवस्था की हुई है।
वर्मीकंपोस्ट का भी करती हैं उत्पादन
राज्य कृषि विभाग की मदद से उन्होंने 4 से 5 वर्मीपिट्स वाली एक वर्मीकंपोस्ट यूनिट्स भी तैयार की हुई है। इससे हर साल करीब 40 क्विंटल खाद का उत्पादन होता है और इसका इस्तेमाल वह विभिन्न फसलों के लिए करती हैं। कृषि कार्यों में कम मेहनत और अधिक कुशलता के साथ काम करने के लिए उन्होंने पॉवर स्प्रेयर, फुट स्प्रेयर, पॉवर वीडर, घास काटने की मशीन और पॉवर चेन जैसी कई मशीनें लगा रखी हैं।
वीणा भारती के पास 2 दुधारू गायें भी हैं। इसके अलावा, अतिरिक्त आमदनी के लिए वह छोटी सी मशरूम इकाई भी चलाती हैं। वह कृषि विज्ञान केंद्र और अन्य एजेंसियों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेती रही हैं। कुल्लू स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से उन्होंने सब्ज़ियां उगाने, बागवानी, वर्मीकंपोस्ट बनाने, जल प्रबंधन, वैल्यू एडिशन उत्पाद आदि का प्रशिक्षण लिया हुआ है।
बेहतरीन मार्केटिंग तकनीक
वीणा भारती खुद अपने उत्पादों की मार्केटिंग करती हैं, जिससे मुनाफ़ा अधिक होता है। वह आलूबुखारा, नासपाती, सेब, आड़ू जैसे फलों को कॉन्ट्रेक्ट आधार पर बेचती हैं। बेचने से पहले वह अलग-अलग मंडियों से कीमत की जानकारी लेती हैं, ताकि वह अधिक मुनाफ़ा कमा सकें। वह स्थानीय सब्ज़ी विक्रेताओं और ग्राहकों को सीधे तौर पर भी मशरूम बेचती हैं। अगर किसी ग्राहक को शादी, पार्टी आदि के लिए थोक में मशरूम चाहिए तो वह उनसे संपर्क करते हैं। इस तरह अपनी मेहनत और स्मार्टनेस की बदौलत वह सालाना करीब 7 लाख रुपये तक का मुनाफ़ा कमा लेती हैं।
मिल चुके हैं कई सम्मान
वीणा भारती को चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (CSKHPKV) से 2003 में ‘कृषि दूत सम्मान’, 2013 में ही CSKHPKV ने उन्हें ‘इनोवेटिव फार्मर पुरस्कार’ से सम्मानित किया। 2016 में कृषि विभाग द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार’ मिल चुका है।
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