डीज़ल की आसमान छूती क़ीमतों को देखते हुए इसकी बचत या किफ़ायती इस्तेमाल की अहमियत बहुत बढ़ चुकी है। इसीलिए हम आपको डीज़ल की ख़पत कम करने के उपाय बता रहे हैं जिससे खेती-किसानी के उपकरणों के इस्तेमाल में लागत में कमी लायी जा सकती है।
टैक्टर के लिए टिप्स (कैसे बचाएँ टैक्टर का डीज़ल?)
- इंजन स्टार्ट करने के क़रीब एक-डेढ़ मिनट बाद ही उससे काम लेना शुरू करें। ठंडे इंजन पर अचानक डोल पड़ने से उसमें अनावश्यक घिसावट होने का जोखिम रहता है।
- ट्रैक्टर को स्टार्ट करने के बाद यदि टैपित की आवाज़ आती है तो इसका मतलब है कि इंजन में हवा आवश्यकता से कम जा रही है। ऐसा होने पर फ़ौरन मैकेनिक से मिलना चाहिए। वर्ना डीज़ल की ख़पत बढ़ जाएगी।
- यदि ट्रैक्टर में से काला धुआं निकल रहा है, तो इसकी वजह इंजेक्टर या इंजेक्शन पंप की खराबी हो सकती है। इसीलिए किसानों को समय-समय पर इंजेक्टर की जांच अवश्य करवाते रहना चाहिए।
- किसानों को एक छोटा सा मंत्र हमेशा याद रखना चाहिए कि काला धुआं का मतलब है कि डीज़ल की ज़रूरत से ज़्यादा ख़पत हो रही है। ऐसा उस वक़्त भी होता है जबकि इंजन पर उसकी क्षमता से अधिक बोझ पड़ रहा होता है।
- ट्रैक्टर के पहियों में हवा का दबाव कम न होने दें। इससे डीज़ल की ख़पत बढ़ती है।
- समय-समय पर इंजन का मोबिल ऑयल और फ़िल्टर को बदलते रहें क्योंकि डीज़ल की ख़पत ज़्यादा होने में इन बातों की भूमिका ख़ासी महत्वपूर्ण होती है।
पम्पिंग सेट के लिए टिप्स (कैसे बचाएँ टैक्टर का डीज़ल?)
- यदि टैक्टर से पम्पिंग सेट को चलाया जा रहा हो तो पम्प के पट्टे का पूरा कसा हुआ होना चाहिए। पट्टे के ढीला होने पर डीज़ल की ख़पत काफ़ी बढ़ जाती है।
- पट्टे में जोड़ भी कम से कम होने चाहिए। इसे घिर्नियों की बिल्कुल सीध में रखा जाना चाहिएI
तो ऊपर दिए हुए टिप्स को अपनायें और औरों को भी बताएं की कैसे बचाएँ टैक्टर का डीज़ल।
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