ICAR-अटारी कानपुर ने Nam Farmers के साथ समझौता किया, किसानों को क्या होगा फ़ायदा?

Nam Farmers एक मोबाइल आधारित डिजिटल स्वदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जो कृषि से जुड़े सभी हितधारकों को जोड़ता है।

Nam Farmers

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्था एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एप्लिकेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर (अटारी कानपुर) ने आईसीएआर और अपनी तकनीक के तेजी से प्रसार के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म NamFarmers.com के साथ समझौता (एमओयू) किया है। आईसीएआर- अटारी कानपुर उत्तर प्रदेश के सभी 88 कृषि विज्ञान केन्द्रों के ज़रिए कृषि तकनीकों का प्रदर्शन, किसानों को नई तकनीकों की जानकारी और केवीके की गतिविधियों की योजना और ट्रेनिंग के लिए योजना, कृषि फील्ड प्रदर्शन का मूल्यांकन और सुधार के लिए मार्ग दर्शन करता है।

अटारी कानपुर कृषि विज्ञान केन्द्रों को वित्तीय और ढांचागत सहायता मुहैया कराता है और कृषि प्रसार से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की पहचान, प्राथमिकता और उन्हें अमल करवाता है।  इसके साथ एसएयू, आईसीएआर संस्थानों/संगठनों, लाइन डिपार्टमेंट और स्वैच्छिक संगठनों के साथ एकजुट होकर काम करता है।

Nam Farmers

जबकि Nam Farmers एक मोबाइल आधारित डिजिटल स्वदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जो कृषि से जुड़े सभी हितधारकों को जोड़ता है। ये दुनिया भर में कृषि सूचनाओं, तकनीकों और कृषि से जुड़े सभी हितकारकों के लिए उनसे जुड़ी सूचनाएं पहुंचाता है। किसानों के उपज को बेचने के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस भी उपलब्ध कराता है, जिससे किसान कृषि उत्पादों को बेहतर कीमतों पर बेच सकते हैं।

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तस्वीर साभार: Nam Farmers

ICAR-अटारी कानपुर ने Nam Farmers के साथ समझौता किया, किसानों को क्या होगा फ़ायदा?

अटारी कानपुर और Nam Farmers के एमओयू के बाद कृषि आधुनिक तकनीकों को तेजी से प्रसार-प्रचार मिलने की उम्मीद है। इस एमओयू पर अटारी कानपुर की तरफ़ से संस्थान के निदेशक डॉ यूस सिंह गौतम और Nam Farmers की ओर से सीनियर मैनेजर और मीडिया प्रभारी जे.पी.सिंह ने हस्ताक्षर किए।

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इस मौके पर अटारी कानपुर की तरफ़ से सभी बरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित रहे। समझौते का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. यूस सिंह गौतम ने कहा कि आज के समय में किसानों को दो चीज़ों की ज़रूरत है। पहला, सही समय पर किसानों को कृषि की सही तकनीक की जानकारी मिले और दूसरा, किसानों के उत्पादित उत्पाद को बाज़ार मिले और किसानों को अपने उत्पाद बेचकर उचित मुल्य मिले। किसानों की इनकम में सुधार हो इसके लिए कार्य करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उन्नत कृषि में आशा करता हूं कि कृषि तकनीकी प्रसार और किसानों को बाज़ार उपलब्ध हो। उसके लिए Nam Farmers किसानों की बेहतर तरीके से मदद कर सकता है।

अटारी कानपुर के प्रधान वैज्ञानिक शान्तानु दुबे ने कहा कि आज के समय में Nam Farmers ऐप ज़रूरी है, जिससे कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी सूचनाएं और समाचार कृषि हितधारकों तक ज़्यादा से ज़्यादा पहुंच सके। संस्थान प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि ये समझौता किसानों तक आईआईएसआर तकनीक को पहुंचाने में मदद करेगा। इस अवसर पर आईसीएआर अटारी कानपुर की तरफ़ से प्रधान वैज्ञानिक सुधा पान्डेय, मुख्य तकनिकी अधिकारी येमुल संजीव सहित कई कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित थे।  Nam Farmers की तऱफ से एरिया मैनेजर जितेन्द्र यादव और विपिन कुमार दुबे उपस्थित थे।

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