भारत-डच संयुक्त कृषि कार्य योजना (Indo-Dutch Joint Agri Project) के तहत सब्जियों एवं फूलों के उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ गुरूवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आतिथ्य में, केरल के वायनाड जिले के अम्बालावयाल स्थित क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र (केरल कृषि विश्वविद्यालय) परिसर में हुआ।
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि बागवानी क्षेत्र तेजी से फल-फूल रहा है, जो देश के कृषि क्षेत्र का विकास-यंत्र बन चुका है।
वर्ष 2019-20 में भारत ने रेकार्ड 319.57 मिलियन टन बागवानी उत्पादन किया
केंद्र सरकार द्वारा एकीकृत बागवानी मिशन के अंतर्गत लगभग 7 करोड़ रूपए की प्रदत्त सहायता से बने इस केंद्र के शुभारंभ समारोह में तोमर ने बताया कि वर्ष 2019-20 में भारत ने 319.57 मिलियन टन बागवानी उत्पादन किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। इसमें फल उत्पादन 100.45 मिलियन टन व सब्जी उत्पादन 185.88 मिलियन टन शामिल हैं।
भारत 3.89 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र से 9.21 मिलियन टन मसालों का उत्पादन करता है। भारत ने 21,515 करोड़ रू. मूल्य के 1.183 मिलियन टन मसालों का निर्यात किया है। भारत मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक हैं। तोमर ने कहा कि बागवानी उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ ही गति बनाए रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि संरक्षित कृषि के माध्यम से उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाया जाएं और उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री का उपयोग किया जाएं।
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एग्रीकल्चर सेक्टर में बढ़ी रही बागवानी की हिस्सेदारी
तोमर ने बताया कि भारत सरकार, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM), एकीकृत बागवानी मिशन (MIDH) जैसी बहुआयामी केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के माध्यम से केरल में भी कृषि क्षेत्र के समेकित विकास में सहायता कर रही है। इन स्कीमों ने कृषि क्षेत्र की मजबूती में सहायता की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए विभिन्न बागवानी उत्पादों के उत्पादन, उत्पादकता एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिए समेकित बागवानी विकास मिशन के माध्यम से लगातार प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार वर्ष 2020-21 के लिए केरल को इस योजना मद में 24 करोड़ रू. का अंशदान देगी। वर्ष 2014-15 से 2019-20 की अवधि में, राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत केरल को केंद्रीय अंशदान के रूप में 187.57 करोड़ रू. दिए गए है।
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तोमर ने कहा, नए कृषि विधेयकों से किसानों को होगा फायदा
तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कृषि सुधारों का सिलसिला जारी है। नए रिफार्म्स से खेती-किसानी का तेजी से विकास होगा। कृषि संबंधी नए कानूनों से किसानों को उपज कहीं भी-किसी को भी-किसी भी कीमत पर बेचने की आजादी मिल गई है। कांट्रेक्ट फार्मिंग के एक्ट से किसान उपज का सौदा बुवाई से पहले ही कर सकेंगे।
नए कानूनों में देश के किसानों, खासकर छोटे-मझौले किसानों, जो 86 प्रतिशत है, उनके हर तरह से संरक्षण के प्रावधान किए गए हैं। देश में 10 हजार नए एफपीओ बनाने का काम भी किया जा रहा है, जिस पर 5 साल में केंद्र सरकार साढ़े छह हजार करोड़ रू. से ज्यादा राशि खर्च करने वाली है।
भारत-डच संयुक्त कृषि कार्य योजना से नए आयाम प्राप्त होंगे, केरल भी इसमें उत्साह के साथ भागीदारी कर रहा है। वहीं, आत्मनिर्भर भारत अभियान में 20 लाख करोड़ रू. के पैकेजों का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है, जिसमें 1 लाख करोड़ रू. के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से गांव-गांव में निजी निवेश के माध्यम से कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाऊस और अन्य अधोसंरचनाएं विकसित होगी।
कृषि से सम्बद्ध क्षेत्र के लिए कुल डेढ़ लाख करोड़ रू. के पैकेज दिए गए हैं, उम्मीद है कि केरल भी इसका अधिकाधिक फायदा लेगा।