यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने मंगलवार को यूपी सरकार से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Jewar Airport) के दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू करने की अनुमति मांगी।
यीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अरुण वीर सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमने भूमि अधिग्रहण की अनुमति के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है। नवंबर के महीने में अनुमति मिलने की संभावना है। जैसे ही हमें अनुमति मिल जाएगी तो प्रशासन किसानों के सहयोग से भूमि अधिग्रहण शुरू कर देगा।
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जेवर हवाई अड्डे का निर्माण 5000 एकड़ जमीन पर किया जाएगा। पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। निर्माण के लिए यह जमीन स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एजी को सौंप दी गई है। दूसरे चरण के लिए सरकार 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगी।
परियोजना में शामिल नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (एनआईएएल) के अधिकारियों का कहना है कि पूरी तरह विकसित हो जाने के बाद जेवर हवाई अड्डा देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा।
फरवरी में काम शुरू होने की संभावना
अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार प्रथम चरण की शुरुआत कराने की जोर-शोर से तैयारी कर रही है। उम्मीद है कि अगले साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास कर सकते हैं। पहले चरण में कंपनी दो रनवे, कमर्शियल स्पेस, हॉल बनाने के अलावा यात्रियों को अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, ताकि 2023-24 तक परिचालन शुरू किया जा सके।
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एमआरओ सेंटर भी किया जाएगा विकसित
उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही दूसरे चरण के भूमि अधिग्रहण के लिए 3,000 करोड़ के बजट को मंजूरी दे चुकी है। दूसरे चरण में यात्री क्षमता बढ़ाई जाएगी। एक रनवे और मेंटीनेंस रिपेयरिंग एंड ओवरहॉलिंग (एमआरओ) सेंटर विकसित किया जाएगा। यह रनवे एमआरओ के लिए भी बनाया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट में देश का सबसे बड़ा एमआरओ सेंटर विकसित किया जाएगा। अभी तक अधिकतर विमानों का मेंटीनेंस दूसरे देशों में कराया जाता है, लेकिन जेवर हवाई अड्डा बन जाने के बाद देश इसके लिए भी आत्मनिर्भर हो जाएगा।
10 फीसदी बजट जारी करने की मांग
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण 4 चरणों में पूरा होगा। दूसरे चरण के जमीन अधिग्रहण के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव के साथ जमीन की कुल कीमत का 10 प्रतिशत पैसा भी जारी करने की मांग की गई है। तीसरे चरण में 1318 हेक्टेयर, जबकि चौथे चरण के लिए 735 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जाएगी। चौथे चरण के अंत तक हवाईअड्डे पर छह रनवे, कमर्शियल सेंटर, होटल, ऑफिस आदि के निर्माण होने की उम्मीद है।