Kisan Andolan : लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए सरकार ने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की जान गई है, उन्हें सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
विपक्ष की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि किसान आंदोलन में आंतकियों की घुसपैठ हो गई है। इसी तरह एक अन्य लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि सितंबर में आंदोलन शुरू होने से लेकर आब तक दिल्ली पुलिस ने कुल 39 केस किसानों के खिलाफ दर्ज किए हैं। इनमें एक आत्महत्या की भी खबर है।
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जब सरकार से पूछा गया कि क्या सरकार के पास किसान आंदोलन में आंतकियों के घुसने का प्रमाण है, सरकार ने कहा कि क्राइम का विषय राज्य सरकारों के अंतर्गत आता है। केन्द्र राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की निगरानी करता है और आवश्यकता होने पर एक्शन भी लेता है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर में सरकार द्वारा नए कृषि बिल पारित किए जाने के बाद से किसानों में आक्रोश है। वे 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर बैठ कर सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और इन कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान MSP पर भी कानून बना कर गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर सरकार और किसानों के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है परन्तु कोई हल नहीं निकल पाया है।
इसी मुद्दे पर 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी। इस रैली में हिंसा भड़क जाने से कई पुलिसकर्मी तथा मीडियाकर्मी घायल हो गए थे जबकि ट्रैक्टर उलट जाने से एक किसान की मृत्यु हो गई थी।