Kisan Andolan Live Update: नवें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही, अगली मीटिंग 19 जनवरी को

Kisan Andolan Live Update: केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों को लेकर किसान संगठनों तथा सरकार के बीच आज विज्ञान […]

NS Tomar in meeting

Kisan Andolan Live Update: केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों को लेकर किसान संगठनों तथा सरकार के बीच आज विज्ञान भवन में नवें दौर की वार्ता चल रही है। वार्ता को लेकर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसान नेताओं से बातचीत के लिए पूर्ण रूप से तैयार है और हमें उम्मीद है कि इस वार्ता से सकारात्मक नतीजे निकल कर सामने आएंगे।

इस मुद्दे पर बोलते हुए भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि शुक्रवार को 12 बजे किसान संगठनों के प्रतिनिधि सरकार के साथ वार्ता के लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की सिर्फ दो मांगें बची हैं, इनमें से पहली मांग तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की है। इस मांग के पूरे होने पर ही किसान नेता दूसरी मांग पर चर्चा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि सरकार के साथ किसान नेताओं के बीच इस मसले को लेकर अब तक आठ दौर की मीटिंग्स हो चुकी हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी और मसले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया, जिसमें चार सदस्यों को नामित किया गया है। हालांकि कमेटी में शामिल एक सदस्य भाकियू नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग करने की घोषणा की है।

वहीं दूसरी ओर आंदोलनकारी किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने जाने से मना कर दिया है। लगातार पिछला 50 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा है कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा।

किसानों के साथ सरकार की बातचीत शुरु हो गई है। मीटिंग में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है। कमेटी के सामने हम अपना पक्ष रखेंगे।

इसी बीच अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने नए कृषि कानूनों की तारीफ करते हुए इस महत्वपूर्ण सुधार बताया है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से प्रभावित होने वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने की आवश्यकता है।

इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने आज किसान अधिकार दिवस मनाने का निर्णय लिया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका गांधी वाड्रा तथा राहुल गांधी की अगुवाई में राजभवन का घेराव कर रहे हैं।

सरकार के साथ बैठक में किसान संगठनों ने एक बार फिर से अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि तीनों कानून वापिस लिए जाने चाहिए तथा सरकार को किसानों की मांग का सम्मान करना चाहिए। इसी बीच सिख फॉर जस्टिस नामक संगठन ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिख कर अपील की है कि किसानों को 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी जाएं।

मीटिंग के दौरन पीयूष गोयल तथा तोमर ने किसानों को नए कृषि कानूनों पर समझाने का बहुत प्रयास किया परन्तु किसान नहीं माने। इस पर तोमर ने कहा कि किसान मीडिया में सरकार को बदनाम कर रहे हैं परन्तु खुद एक कदम भी आगे नहीं चलना चाहते।

26 जनवरी को किसान रैली नहीं निकालेंगे फिलहाल किसान संगठनों और सरकार दोनों ने ही इसकी पुष्टि नहीं की है।

किसानों और सरकार के बीच आज की मीटिंग खत्म हो गई है। आज की मीटिंग में भी कोई नतीजा नहीं निकल सका। किसान नेताओं और सरकार के बीच अगली बैठक के लिए 19 जनवरी की तारीख तय की गई है। किसान कृषि कानूनों को वापिस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार चाहती है कि कानूनों में आवश्यक संशोधन हो जाए, उन्हें रद्द नहीं किया जाए।

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