एक ओर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की की सीमाओं पर काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) पर लोन से जुड़ी एक खबर ने जैसे आग में घी का काम कर दिया। एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया गया कि 1 अप्रैल से किसानों को केसीसी लोन 7 की बजाय 12 प्रतिशत ब्याज दर (Interest Rate) पर दिया जाएगा। यह जानकारी मिलते ही किसानों का पारा चढ़ गया।
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इस दावे को साबित करने के लिए खबर में आरबीआई (RBI) का हवाला देकर कहा गया है कि उसने 1 अप्रैल से केसीसी योजना के तहत लोन लेने वाले किसानों से 7 की जगह 12 फीसदी ब्याज वसूलने का आदेश सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों को जारी कर दिया है।
किसानों का गुस्सा शांत करने के लिए सरकार पहले से ही जुटी है। ऐसे में केंद्र सरकार की प्रचार एजेंसी प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने केसीसी लोन की खबर को फर्जी बताया। फैक्ट चेक करने के बाद PIB ने ट्वीट किया कि केंद्र सरकार ने केसीसी लोन के ब्याज दर को बढ़ाने के बारे में ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।
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पांच साल के लिए मिलता है केसीसी
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बैंकों की ओर से किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाते हैं। इनकी वैधता 5 साल होती है। किसानों को कितना लोन (Loan) मिलेगा, यह उनकी आय पर निर्भर करता है। इस कार्ड की मदद से किसानों को 7 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन मिल जाता है।