दिल्ली के पास धरने में जुटे आंदोलनकारी किसानों की हर तस्वीर एक अलग कहानी कहती है। यहां मैनेजमेंट के छात्रों को एक सबक मिलता है औऱ किसानों को दिशा। किसानों की मांगें अपनी जगह हैं लेकिन इतनी बड़ी तादाद में उनका इकट्ठा होना फिर उन्हें मैनेज करना, सबसे बड़ी बात किसी को कोई परेशानी नहीं, दिक्कत नहीं, सब कुछ जैसे अपने आप बढ़िया ढंग से चल रहा है। यह क्राउड मैनेजमेंट ही तो है।
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ये सब होता है दिल्ली बॉर्डर पर बने किसान मॉल्स में। किसान मॉल यानि किसानों का, किसानों के लिए, किसानों द्वारा चलाए जाने वाला ये मॉल देश के बड़े बड़े मॉल्स को चुनौती दे रहा है। कई किसान अपने साथ रोजमर्रा का सामान लेकर आए थे लेकिन वक्त गुजरने के साथ सामान खत्म हो गया। इसीलिए कई सिख संगठनों ने मिलकर एक सिस्टम तैयार किया जहां हर तरह की जरूरत का सामान मिल जाए।
इस किसान मॉल ने साबित कर दिया है कि किसान खेती भी जानते हैं औऱ बाज़ार का मैनेजमेंट भी समझते हैं। जानिए किसान मॉल्स के बारे में सब कुछ…