भंडारण सुविधा (Storage Facility): देश को आजाद हुए 73 साल हो गए, लेकिन आज भी किसान इन चार समस्याओं से जूझ रहा है। फसल का उचित दाम न मिलना, फसल लागत कम न होना, किसानों पर कर्ज का दबाव।
अगर इन सब की मार झेल कर किसान जैसे-तैसे फसल तैयार कर भी लेता है तो उसके सामने चौथी बड़ी समस्या होती है उपज भंडारण सुविधा की कमी। ऐसा न होने से किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है।
इन्हीं समस्याओं से निपटने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों की सरकार भरसक प्रयास कर रही हैं। इसी क्रम में अब मध्यप्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया है। अब किसान उपज भंडारण के लिए अपने खेत पर ही 5 मीट्रिक टन क्षमता का कोल्ड स्टोरेज बना सकेंगे।
उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने शनिवार को इस संबंध में अधिकारियों के साथ एक बैठक की। कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी कृषकों की आय दोगुने से अधिक बढ़ाने के लिए खेत चेन फैंसिंग, किसानों को जिला स्तर से लेकर उनके खेतों तक कोल्ड-स्टोरेज चेन (Cold-Storage Chain) और उनके उत्पादों की प्रोसेसिंग की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए बनाई जा रही योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाए।
राज्य मंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर 5000 मीट्रिक टन के कोल्ड स्टोरेज के बाद अब तहसील स्तर की मंडियों के पास 1000 मीट्रिक टन और किसानों के खेत पर 5 मीट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज बनाने का प्रावधान किया जा रहा है। इससे किसान खुद का कोल्ड स्टोरेज बना सकेगा।
कुशवाह ने अधिकारियों से कहा कि योजना में ऐसे प्रावधान रखे जाएं, जिसमें उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से जुड़े जो किसान अपनी फसलों का स्टोरेज करना चाहते हैं, उन्हें कोल्ड स्टोरेज बनाने में मदद की जा सके।
उन्होंने योजना का विज्ञापन जारी करने, ऑनलाइन आवेदन बुलाकर किसानों का चयन करने और योजना को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए।