नींबू की खेती (Lemon Farming): नींबू की इन उन्नत किस्मों से बढ़ाएं आमदनी, सालभर बनी रहती है मांग और दाम में भी भारी उछाल

विश्व में नींबू का सबसे अधिक उत्पादन भारत में ही होता है। यहां विश्व के कुल नींबू उत्पादन का 16 प्रतिशत पैदा किया जाता है। भारत में हर साल 3.17 लाख हेक्‍टेयर में नींबू की खेती होती है। जानिए नींबू की उन्नत किस्मों के बारे में।

नींबू की खेती नींबू की किस्में lemon farming

एक आंकड़ें के मुताबिक, भारत में सालाना 37.17 लाख टन से ज्‍यादा नींबू का उत्‍पादन होता है, जिसकी खपत देश में ही होती है। आज हम आपको नींबू की खेती (Lemon Farming) और उसकी ख़ास किस्मों (Lemon Varieties) के बारे में बताएंगे। नींबू की मांग पूरे साल बने रहती है। इसलिए किसानों के लिए नींबू की खेती फ़ायदे का बिज़नेस है।

नींबू की किस्में

विश्व में नींबू का सबसे अधिक उत्पादन भारत में ही होता है। यहां विश्व के कुल नींबू उत्पादन का 16 प्रतिशत पैदा किया जाता है। नींबू की कुछ उन्नत किस्में इस प्रकार हैं।

कागजी नींबू 

इसके पौधे बहुत ज्यादा बड़े नहीं होते। गर्मियों मे इसका भाव प्रति किलो 100 रुपये तक पहुँच जाता है। नींबू का पेड़ 3 से 4 साल बाद फल देना शुरू करता है। यह साल में दो बार फल देता है। इसलिए भारतीय किसानों का आकर्षण इसके प्रति बढ़ा है । 150 से 180 दिनों मे इसका फल तैयार हो जाता है । एक पौधा औसतन प्रति वर्ष 1000 से 1200 फलों का उत्पादन देता है। कागजी नींबू से 52 प्रतिशत रस की मात्रा प्राप्त हो जाती है।

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प्रमालिनी

ये किस्म साधारण कागजी नींबू से 30 फ़ीसदी ज़्यादा उपज देती है। है। प्रमालिनी किस्म को व्यापारिक रूप में उगाया जाता है। इस किस्म के नींबू गुच्छो में तैयार होते है। इसके एक नींबू से 57 प्रतिशत तक रस प्राप्त हो जाता है। इसके प्रति पौधे से 40 से 50 किलोग्राम फलों का उत्पादन होता है। 

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विक्रम

विक्रम किस्म के पौधों में निकलने वाले फल गुच्छे के रूप में होते है। इसके एक गुच्छे से 7 से 10 नींबू प्राप्त हो जाते है। इस किस्म के पौधों पर पूरे वर्ष ही नींबू देखने को मिल जाते है। फल सितम्बर, मई और जून माह में प्राप्त हो जाते हैं। इसका उत्पादन साधारण लाइम से 30-32 फ़ीसदी ज़्यादा होता है।

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चक्रधर

चक्रधर नींबू में बीज नहीं होते और इसके फल से लगभग 65 फ़ीसदी रस निकलता है। इसके पौधे सीधे और घने होते है। इसके फल गोल होते हैं। पौधा-रोपण के चार साल पश्चात फल आना प्रारंभ हो जाता है।   इसके फल जनवरी-फरवरी, जून-जुलाई तथा सितम्बर-अक्तूबर में आते हैं।

पीकेएम-1 (PKM-1)

इसके फल गोल, मध्यम से लेकर बड़े आकार और पीले रंग के होते हैं। इसमें करीबन 52 फ़ीसदी रस होता है। ये किस्म कैंकर, ट्रिसटेजा एवं पत्ती छेदक रोग प्रतिरोधी है।

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नींबू की खेती (Lemon Farming): नींबू की इन उन्नत किस्मों से बढ़ाएं आमदनी, सालभर बनी रहती है मांग और दाम में भी भारी उछालसाईं शर्बती

इस किस्म को असम जैसे पहाड़ी इलाकों में बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। इस किस्म के पौधे सबसे ज्यादा फल देने के लिए जाने जाते है। इसके अलावा इस किस्म के नींबू भी बीज रहित ही पाए जाते हैं। इनका छिलका काफी पतला होता है। 

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नींबू की खेती के लिए मिट्टी

नींबू की खेती के लिए बलुई और दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। साथ ही मिट्टी का पीएच 6.5-7.00 होना चाहिए। साथ ही ज़मीन ऐसी होनी चाहिए जहां पानी जमा न होता हो। हल्‍की अम्‍लीय और क्षारीय मिट्टी में भी नींबू उगाया जा सकता है। जहां तक मौसम का सवाल है तो यह कई तरह की जलवायु में उगाया जा सकता है, हां, बहुत अधिक ठंड वाली जगह में इसकी खेती नहीं की जा सकती।

नींबू की खेती के लिए कैसे करें खेत तैयार

नींबू का पौधा एक बार लग जाने पर कई सालों तक फल देता है। इसलिए खेत को अच्छी तरह से तैयार करने के बाद ही बुवाई करनी चाहिए। पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए। इससे पहली फसल के अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। फिर पुरानी गोबर की खाद डालकर रोटावेटर से जुताई करनी चाहिए। फिर खेत में पौधों की रोपाई के लिए गड्ढ़ा तैयार कर लेना चाहिए।

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नींबू की खेती (Lemon Farming): नींबू की इन उन्नत किस्मों से बढ़ाएं आमदनी, सालभर बनी रहती है मांग और दाम में भी भारी उछालऐसे लगाएं पौधा

नींबू के पौधों को नर्सरी से खरीद लें, ध्यान रहे कि पौध एक महीने पुराने और स्वस्थ हो। अब इनकी खेत में रोपाई करें। आमतौर पर बुवाई के लिए जून और अगस्त का महीना अच्छा माना जाता है। बरसात के मौसम में नींबू के पौधों का अच्छा विकास होता है। पौध लगाने के बाद 3-4 साल बाद नींबू के पौधे फल देने लगते हैं। नींबू की पौध लगाने के लिए जो गड्ढ़ा तैयार किया जाता है, उनके बीच 10 फीट की दूरी रखें। एक हेक्टेयर खेत में तकरीबन 600 पौधे लगाए जा सकते हैं। नींबू के पौधे आमतौर पर बरसात के मौसम में लगाए जाते हैं, इसलिए बहुत अधिक सिंचाई की ज़रूरत नहीं पड़ती है।

कौन-सी किस्म लगाएं

मौसम और जलवायु के हिसाब से अलग-अलग किस्म लगाई जाती है। यदि आप नींबू की अधिक पैदावार के लिए बेहतरीन किस्म लगाना चाहते हैं, तो राज्य बागवानी विभाग से इस संबंध में सलाह ले सकते हैं कौन-सी किस्म आपके लिए अच्छी रहेगी। वैसे आमतौर पर कागज़ी नींबू का उत्पादन सबसे अधिक किया जाता है।

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तीसरे साल से होने लगती है कमाई

नींबू के पौधे लगाने के बाद तीसरे साल में उसमें अच्छे फल आने लगते हैं। नींबू की कीमत मंडी में 20 से 50 रुपये तक थोक में होता है। ऐसे में साल भर में किसान यदि एक एकड़ में नींबू के खेती करते हैं तो करीब 3 से 4 लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं। यही नहीं, जब तक नींबू के पौधे से फल प्राप्त नहीं होता है, उनके पौधों के बीच आप सब्ज़ियां उगा सकते हैं।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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