Live Update :
5:55 PM : आज की मीटिंग खत्म हुई। किसान नेताओं और सरकार के बीच अगली मीटिंग 15 जनवरी को होगी।
5:05 PM : मीटिंग के बीच लंच ब्रेक पूरा होने के बाद दोनों पक्षों के बीच फिर से मीटिंग स्टार्ट हो गई है।
3:00 PM : नए कृषि कानूनों के खिलाफ जंतरमंतर पर धरने पर बैठे कांग्रेसी सांसदों से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा पहुंची। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को वापिस लिया जाना ही एकमात्र हल है।
2:25 PM : किसान नेताओं एवं सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत आरंभ हो चुकी है।
2:07 PM : सभी किसान नेता एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं। कुछ ही देर में मीटिंग आरंभ होगी।
1:34 PM : दोपहर दो बजे की मीटिंग से पहले केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके घर पर मिलने पहुंचे।
1:31 PM : सरकार से बातचीत के लिए किसान नेताओं का दल विज्ञान भवन पहुंच चुका है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी अपने घर से विज्ञान भवन के लिए निकल चुके हैं। तोमर ने किसान नेताओं के साथ वार्ता का सकारात्मक रिजल्ट निकलने की उम्मीद जताई।
1.00 PM : किसान नेताओं ने बैठक से पहले उम्मीद जताई कि जल्दी ही इस मसले का हल निकल कर आएगा और सरकार किसानों की मांगें मान लेगी।
12.40 PM : किसान संगठनों के नेता बैठक में भाग लेने के लिए सिंधु बॉर्डर से रवाना हुए। दोपहर दो बजे विज्ञान भवन में मीटिंग रखी गई है।
11.30 AM : आज आठवें दौर की बैठक से पहले कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि जब कानूनों के हर क्लॉज पर बात होगी तो समाधान निकलेगा। सरकार कानूनों में बदलाव के लिए तैयार है, हमें नतीजा निकलने की उम्मीद है।
केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना प्रदर्शन आज 44वें दिन भी लगातार जारी है। उल्लेखनीय है कि आज किसान नेताओं और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत होनी है। बातचीत के लिए किसान नेता सिंधु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हो गए हैं। मीटिंग दोपहर दो बजे रखी गई है।
पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार केंद्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली किसान संगठनों के नेताओं की इस बैठक में दो प्रमुख मुद्दों पर बातचीत होगी, जो तीन कृषि कानून और एमएसपी से जुड़े हैं। आपको बता दें कि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार नये कानूनों में संशोधन करने और एमएसपी पर खरीद जारी रखने का लिखित आश्वासन देने को तैयार है।
सरकार की पहल पर 30 दिसंबर 2020 को फिर वार्ता का दौर शुरू हुआ और नए साल में चार जनवरी को हुई सातवें दौर की वार्ता सिर्फ इस बात पर बेनतीजा रही कि किसान प्रतिनिधियों ने तीनों कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया पर सरकार से जवाब मिलने के बाद ही दूसरे मसले पर वार्ता करने की शर्त रख दी। अपनी मांगों को लेकर किसानों ने गुरुवार को 10,000 ट्रैक्टर्स के साथ मार्च भी किया था जिससे 15 किलोमीटर लंबी लाइन लग गई थी।
किसानों की इन मांगों को लेकर अब तक किसान संगठनों के नेताओं और मोदी सरकार के बीच सात दौर की मीटिंग हो चुकी है, जिसमें छह दौर की वार्ताएं मंत्रि-स्तरीय हुई हैं जबकि पहली औपचारिक वार्ता कृषि सचिव से हुई थी। इस संबंध में किसानों के प्रतिनिधि एक बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं।